पुलिस के मुखबिर ने आरोपी तक पहुंचने के लिए उससे दोस्ती की. इसके बाद बातों ही बातों में आरोपी के सारे राज को जान गया.
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु में नाम बदलकर रह रहे आरोपी को हत्या के 13 साल बाद दबोच लिया. आरोपी दिल्ली में अपने दोस्त की 13 साल पहले हत्या कर फरार हो गया था. इस दौरान आरोपी नाम बदलकर तो कहीं भेष बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था. पुलिस भी उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी थी. इस दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी बेंगलुरु में बॉबी नाम से रह रहा है. पुलिस के मुखबिर ने आरोपी तक पहुंचने के लिए उससे दोस्ती की. इसके बाद बातों ही बातों में आरोपी के सारे राज को जान गया. इस बीच आरोपी ने बताया कि उसे घर छोड़े 13 साल हो गए हैं. अब वह घर जाना चाहता है. इस बात की जानकारी मिलते ही मुखबिर ने तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दी.
गिरफ्तारी से बचने को बदलता रहा पहचान और ठिकाना
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक व्यक्ति का अपहरण करने और फिर उसकी हत्या करने के आरोप में 13 साल से फरार चल रहे 45 वर्षीय व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी राजीव प्रेम नगर का रहने वाला है और अंतरिम जमानत पर बाहर आने के बाद 2013 से फरार था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अपनी पहचान और ठिकाना बदलता रहा. पुलिस के मुताबिक, राजीव को 22 वर्षीय सुनील कुमार के अपहरण और हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) हर्ष इंदौरा ने बताया कि पीड़ित के पिता द्वारा 27 दिसंबर, 2009 को दर्ज कराई गई गुमशुदगी की शिकायत के बाद 4 जनवरी, 2010 को मामला दर्ज किया गया था. बाद में सुनील का शव गाजियाबाद से बरामद किया गया था.
अंतरिम जमानत पर आया था बाहर, तभी से फरार
अधिकारी ने कहा कि राजीव ने अपने साथियों लखन और उसके पिता रामेश्वर दयाल के साथ मिलकर सुनील की हत्या कर दी, क्योंकि उसके और राजीव के चचेरे भाई के बीच रंजिश थी. हत्या के बाद तीनों ने शव को एक गांव में फेंक दिया. पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जबकि अन्य दो जेल में रहे. आरोपी राजीव को फरवरी 2013 में उसकी मां की मृत्यु के बाद मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी. हालांकि वह बाद में आत्मसमर्पण करने की बजाए फरार हो गया. बाद में उसे सितंबर 2013 में एक स्थानीय अदालत ने फरार अपराधी घोषित कर दिया.
दिल्ली में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था आरोपी
पुलिस ने कहा कि राजीव को बेंगलुरु में ट्रैक किया गया था, जहां वह बॉबी के रूप में एक झूठी पहचान के साथ रह रहा था. वह एक ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था. डीसीपी ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि वह 18 जून को प्रेम नगर में अपने घर आएगा. छापेमारी की गई और आरोपी को पकड़ लिया गया. पूछताछ के दौरान राजीव ने जमानत मिलने के बाद नेपाल भागने और बेंगलुरु में रहने से पहले कई महीनों तक अलग-अलग जगहों पर रहने की बात स्वीकार की. उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग नामों से कई काम किए. पुलिस ने कहा कि राजीव अनपढ़ था और पहले दिल्ली में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था.
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