पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि पुलिस तेजी से सजा दिलाने के लिए प्रभावी अभियोजन चलाएगी. एसपी ने कहा कि सांसद को इस मामले में आरोपित किया गया है.
Sambhal (UP): उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस ने भीड़ इकट्ठा करने के लिए सांसद बर्क और शाही जामा मस्जिद अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया है. कोर्ट में संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और 22 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने के एक दिन बाद पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि पुलिस तेजी से सजा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी. गुरुवार को एसपी विश्नोई ने कहा कि सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को इस मामले में आरोपित किया गया है.
अदालत को सौंपे गए सारे सबूत
आरोप पत्र में विस्तार से बताया गया है कि बर्क और शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली के बीच देर रात बातचीत हुई थी. वे व्यापक हिंसा से दो दिन पहले 22 नवंबर को भीड़ इकट्ठा करने के लिए जिम्मेदार थे. एसपी ने कहा कि आरोप पत्र जांच के दौरान एकत्र किए गए व्यापक साक्ष्य पर आधारित है. विश्नोई ने पुष्टि की कि घटना के बाद कुल 12 मामले दर्ज किए गए थे. सात पुलिस द्वारा और पांच नागरिकों की शिकायतों के आधार पर दर्ज किए गए थे. इन सभी मामलों में अब आरोपपत्र दाखिल कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अपराध पुनर्निर्माण रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों सहित सभी आवश्यक साक्ष्य एकत्र कर अदालत को सौंप दिए गए हैं. इसमें विदेशी कारतूसों की बैलिस्टिक रिपोर्ट भी शामिल है, जो मुकदमे के दौरान महत्वपूर्ण होगी.
एमपी-एमएलए अदालत में आरोप पत्र दाखिल
मालूम हो कि 24 नवंबर को संभल में हिंसा हुई, जब शहर के कोट गर्वी क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण को लेकर स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच झड़पें हुईं. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए, जिनमें 29 पुलिस के जवान शामिल थे. संभल कोतवाली में दर्ज एफआईआर के संबंध में चंदौसी जिला न्यायालय परिसर में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की एमपी-एमएलए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
अब तक 92 आरोपी गिरफ्तार
एफआईआर में एमपी बर्क, समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और 700-800 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत नामजद किया गया है .जिसमें सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के प्रावधान भी शामिल हैं. एसपी ने कहा कि जांच में घटना में सोहेल इकबाल की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई, जिसके कारण उसे अंतिम आरोपपत्र से बाहर रखा गया. अब तक इस मामले में 92 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बाद में असमोली क्षेत्राधिकारी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एसआईटी अधिकारियों ने 8 अप्रैल को नखासा पुलिस स्टेशन में उनसे करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी.
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