Home Latest News & Updates कर्नाटक सरकार ला रही नया कानूनः घरेलू कामगारों का शोषण करने पर मिलेगी जेल, नागरिकों से मांगे सुझाव

कर्नाटक सरकार ला रही नया कानूनः घरेलू कामगारों का शोषण करने पर मिलेगी जेल, नागरिकों से मांगे सुझाव

by Sanjay Kumar Srivastava
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Karnataka Labor Department

Karnataka Labor Law: न्यूनतम वेतन देना अनिवार्य होगा. नियम के उल्लंघन पर अधिकतम तीन महीने की जेल और जुर्माना हो सकता है.

Karnataka Labor Law: कर्नाटक श्रम विभाग ने घरेलू कामगारों के लिए एक विधेयक तैयार किया है. इसके तहत बिना समझौते के घरेलू कामगारों को रखना प्रतिबंधित होगा और न्यूनतम वेतन देना अनिवार्य होगा. नियम के उल्लंघन पर अधिकतम तीन महीने की जेल और जुर्माना हो सकता है. मसौदा विधेयक पर सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए नागरिकों को एक महीने का समय दिया गया है. मसौदा विधेयक के अनुसार, नियोक्ता और श्रमिक के बीच लिखित समझौते के बिना किसी भी घरेलू कामगार को नियोजित नहीं किया जाएगा. मॉडल रोजगार समझौते में नाम और अन्य विवरण, श्रमिक को सौंपे गए कार्य की प्रकृति, काम के घंटे, मजदूरी और अन्य लाभ शामिल किए जाएंगे.

एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम नहीं

मसौदा विधेयक के अनुसार, कुल कार्य के घंटे एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक नहीं होंगे. इसके तहत सप्ताह में दो बार एक पूरे दिन की छुट्टी या आधे दिन की छुट्टी रहेगी. कामगार उचित कार्य घंटे, आराम की अवधि, वार्षिक भुगतान वाली छुट्टी और मातृत्व लाभ के लिए पात्र रहेंगे. मसौदा विधेयक में घरेलू कामगारों, नियोक्ताओं और सेवा प्रदाताओं के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है. यदि कोई कामगार निरक्षर और प्रवासी है, तो सेवा प्रदाता, प्लेसमेंट एजेंसी और नियोक्ता को रोजगार शुरू होने के एक महीने के भीतर ऐसे व्यक्तियों को पंजीकृत करना होगा. नियोक्ताओं को घरेलू कामगार को रोजगार देने के एक महीने के भीतर पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है, वहीं सेवा प्रदाताओं को अधिनियम के प्रारंभ होने के एक महीने के भीतर पंजीकरण करना होगा.

कल्याण बोर्ड करेगा निगरानी

मसौदा विधेयक में कर्नाटक राज्य घरेलू कामगार सामाजिक सुरक्षा और कल्याण बोर्ड के गठन का भी प्रावधान है, जो घरेलू कामगार सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष का प्रशासन और निगरानी करेगा. इसके अलावा अधिनियम और नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह भी देगा. बोर्ड में घरेलू कामगारों, नियोक्ताओं, सेवा प्रदाताओं और प्लेसमेंट एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों का समान प्रतिनिधित्व होगा. दंड प्रावधानों के तहत मसौदा विधेयक में कहा गया है कि जो लोग अनैतिक उद्देश्यों के लिए लड़कियों/महिला कर्मचारियों को किसी भी स्थान पर भेजते हैं, घरेलू कामगारों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं या अवैध रूप से उन्हें बंदी बनाते हैं या किसी बच्चे को घरेलू कामगार के रूप में उपलब्ध कराते हैं, उन्हें 3-7 साल की जेल की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.

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