संशोधित योजना के कार्यान्वयन पर कुल 5,940 करोड़ 47 लाख रुपये का खर्च आएगा. पुनर्वासित परिवारों की आजीविका के लिए सरकार सहयोग करेगी.
New Delhi: झारखंड के धनबाद जिले में स्थित झरिया कोयला क्षेत्र के रहवासियों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब यदि कोयला क्षेत्र में आग से रहवासियों को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई सरकार करेगी. इसके अलावा यदि कोयला खनन के दौरान जमीन धंसती है तो सरकार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास करेगी. केंद्र सरकार ने संशोधित झरिया मास्टर प्लान (JMP) को मंजूरी दे दी गई है. इस योजना को मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने दी है. योजना के तहत झरिया कोयला क्षेत्र में आग, भू-धंसाव तथा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास जैसी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
कुल 5,940 करोड़ 47 लाख का आएगा खर्च
संशोधित योजना के कार्यान्वयन पर कुल 5,940 करोड़ 47 लाख रुपये का खर्च आएगा. योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन से आग व भूमि धंसाव से निपटने तथा प्रभावित परिवारों को अत्यंत विकट स्थलों से प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित होगा. सरकार पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कौशल विकास और रोजगार परक उपाय करेगी. संशोधित JMP योजना में पुनर्वासित परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन सृजित करने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा एक लाख रुपये का आजीविका अनुदान और वैध भू-स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों और अपंजीकृत भू-धारक (नॉन-एलटीएच) परिवारों दोनों को तीन लाख रुपये तक ऋण सहायता दी जाएगी.
स्थापित होगा आजीविका पुनर्वास कोष
इसके अलावा पुनर्वासित स्थलों पर सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक भवन जैसी आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. संशोधित झरिया मास्टर प्लान को समिति की सिफारिशों के अनुसार लागू किया जाएगा. इससे समग्र और मानवीय पुनर्वास सुनिश्चित होगा. पुनर्वासित व्यक्तियों की आजीविका के लिए समर्पित झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष स्थापित किया जाएगा. इस क्षेत्र में संचालित बहु कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से वहां कौशल प्रदान करने संबंधी विकास पहल भी की जाएगी. झरिया कोयला क्षेत्र झारखंड राज्य के धनबाद जिले में स्थित है. यह भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्रों में से एक है.
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