Jharkhand News : हेमंत सरकार झारखंड के विकास में तेजी लाने के लिए वैश्विक स्तर पर कोशिश कर रही है. इसी बीच राज्य का प्रतिनिधिमंडल विदेश निवेश बढ़ाने के लिए यूरोप की यात्रा पर गया है.
Jharkhand News : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में विकास की गति को तेज करने के लिए कई स्तर पर काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम सोरेन के नेतृत्व में राज्य के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने 19 से 27 अप्रैल, 2025 तक स्पेन और स्वीडन की यात्रा की. इसका यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को बढ़ाया जाए. वहीं, राज्य सरकार FDI के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, खनन सुधार और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में मजबूती लाए जा सके और वैश्विक स्तर पर उसे एक नई पहचान भी मिल सके. बता दें कि साल 2019 से 2024 तक भारत में कुल FDI का झारखंड में 0.98 प्रतिशत रही.
रणनीति के तहत हो रही यात्रा
वहीं, राज्य के सकल घरेलू उत्पादन में इसका योगदान करीब 2.5 फीसदी से अधिक रहा. इसी बीच राज्य की हेमंत सरकार इस असंतुलन को दूर करने और निवेश को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार का प्रतिनिधि मंडल का रणनीतिक तौर पर यूरोप की यात्रा कर रहा है. इसी कड़ी में प्रतिनिधिमंडल ने बार्सिलोना और स्टॉकहोम में विभिन्न कंपनियों, इंडस्ट्री ग्रुप और सरकारी एजेंसियों से मुलाकात की. इस यात्रा के दौरान खनन सुधार (Mining Reform), हरित ऊर्जा (Green Energy), इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र (Electric Vehicle Ecosystem), उन्नत खाद्य प्रसंस्करण (Advanced Food Processing), महिला स्वास्थ्य (Women’s Health), खेल अवसंरचना (Sports Infrastructure) और संयुक्त उद्यमों (Joint Ventures) पर विशेष जोर दिया गया.
कई कंपनियों का किया दौरा
इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन के साग्रादा फमीलिया और डी गावा संग्राहलय का भी दौरा किया. इस दौरान उन्होंने खनन स्थलों को वैज्ञानिक अध्ययन केंद्र में बदलने की अवधारणा को समझा. साथ ही स्वीडन में इलेक्ट्रिक क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों से भी समझौते को लेकर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि यात्रा की सफलता को लेकर राज्य काफी संतुष्ट है. अगर यह यात्रा पूरी तरह से सफल हो जाती है आने वाले समय में झारखंड में रोजगार सृजन, तकनीकी हस्तांतरण और वैश्विक निवेश का रास्ता साफ हो जाएगा और इसके साथ ही राज्य के लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार की तरफ से यह कदम आत्मनिर्भर भारत और नेट-जीरो मिशन 2070 के लक्ष्यों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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