Home RegionalJharkhand झारखंड में भारी बारिश से डूबा स्कूल, छात्रों ने छत पर शरण लेकर गुजारी रात, रस्सी के सहारे बचाए गए 162 छात्र

झारखंड में भारी बारिश से डूबा स्कूल, छात्रों ने छत पर शरण लेकर गुजारी रात, रस्सी के सहारे बचाए गए 162 छात्र

by Sanjay Kumar Srivastava
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सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी और दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों की मदद से एक-एक करके छात्रों को बचाया गया.

Jamshedpur (Jharkhand): झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में भारी बारिश के बाद जलमग्न हुए एक निजी आवासीय स्कूल में फंसे कम से कम 162 छात्रों को रविवार को पुलिस ने बचा लिया. भारी बारिश के कारण परिसर में पानी भर जाने के बाद छात्र शनिवार रात से कोवाली थाना क्षेत्र के हल्दीपोखर-कोवाली रोड पर पंडरसोली स्थित स्कूल में फंसे हुए थे. लव कुश आवासीय विद्यालय के 162 छात्र फंस गए थे, क्योंकि भारी बारिश के कारण स्कूल परिसर जलमग्न हो गया था. स्कूल की इमारत जलमग्न हो जाने पर शिक्षकों ने सभी छात्रों को छत पर भेज दिया, जहां उन्होंने रात बिताई.

अगली सूचना तक स्कूल बंद

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी और दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों की मदद से एक-एक करके छात्रों को बचाया गया. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए रस्सी और नावों का इस्तेमाल किया गया तथा एनडीआरएफ की मदद ली गई. कोवाली थाने के प्रभारी धनंजय पासवान ने कहा कि बारिश के कारण एक मंजिला आवासीय स्कूल की इमारत पूरी तरह जलमग्न हो गई थी. उन्होंने कहा कि स्कूल को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है. पासवान ने कहा कि स्थानीय छात्रों को उनके घर भेज दिया गया, जबकि जिला प्रशासन डुमरिया, घाटशिला, मुसाबनी और जमशेदपुर सहित जिले भर में अन्य छात्रों को उनके घर भेजने की व्यवस्था कर रहा है.

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

इस बीच, पूर्वी सिंहभूम और खरसावां-खरसावां के जिला प्रशासन ने ओडिशा के रायरंगपुर बांध से पानी छोड़े जाने के अलावा खरखाई और स्वर्णरेखा नदियों में जलस्तर में अचानक वृद्धि की संभावना के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने खरखाई और स्वर्णरेखा नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और नदियों में अचानक उफान आने की स्थिति में प्रशासन के परामर्श का पालन करने की अपील की है. उन्होंने लोगों से किसी भी सहायता के लिए जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने को कहा. सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने जिले के अधिकारियों और तकनीकी इकाइयों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया.

30 जून को खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो के लिए ऑरेंज अलर्ट

उन्होंने अधिकारियों से संवेदनशील क्षेत्रों, खासकर नदियों के पास के डूब वाले क्षेत्रों और चांडिल बांध की पहचान करने और लोगों को सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों के माध्यम से सचेत करने को कहा. उन्होंने जिला सिविल सर्जन को सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और एंबुलेंस की तैनाती सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. 30 जून को खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि एक जुलाई को गुमला, गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार और लोहरदगा के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है. मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा है.

ये भी पढ़ेंः भारी बारिश के अलर्ट के बाद 24 घंटे के लिए रोकी गई चार धाम यात्रा, NDRF-SDRF की टीमें तैनात

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