Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर भाषा की वजह से विवाद शुरू हो गया है. एक व्यक्ति के साथ मराठी बोलने पर अभद्रता की गई और अब इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है.
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में एक शख्स के साथ मराठी बोलने पर अभद्रता की गई और इसके बाद यह मुद्दा राज्य की राजनीति में उबाल लेकर आ गया. इसी बीच ठाणे जिले के मीरा भयंदर इलाके में मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए मंगलवार को MNS और कुछ सामाजिक समूहों द्वारा आयोजित एक मोर्चे पर सैकड़ों लोग शामिल हुए. सड़कों पर हुए नाटकीय घटनाक्रम और पुलिस द्वारा कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद शिवसेना (UBT) और NCP (SP) के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए. वहीं, विरोध स्थल पर पहुंचे शिवसेना मंत्री प्रताप सरनाईक को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और उसके बाद वहां से भगा दिया गया.
नारा लगाने वालों को हिरासत में लिया
पुलिस ने कानून-व्यवस्था को संभावित खतरे का हवाला देते हुए विरोध मार्च की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया था. हालांकि, इसके बाद भी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर नाटकीय ढंग से काफी बड़ा हंगामा कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि रैली का आयोजन MNS और मराठी एकीकरण समिति के मार्गदर्शन में अन्य मराठी समर्थकों के द्वारा किया गया था. यह रैली व्यापारियों द्वारा हाल ही में MNS कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने पर एक फूड स्टॉल मालिक को थप्पड़ मारने के विरोध में आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन का मुकाबला करने के लिए आयोजित की गई थी. यहां पर स्थिति तब काफी तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने मराठी अस्मिता की रक्षा करने के लिए नारे लगाने वाले प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया.
कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
इसके अलावा MNS के कई पदाधिकारियों को आधी रात से हिरासत में लिया गया और टेलीविजन चैनलों पर महिलाओं को पुलिस की वैन में ठूंसकर ले जाने की तस्वीरें भी सामने आईं हैं. साथ ही कई कार्यकर्ताओं को विरोध स्थल पर जाने से रोकने के लिए एक बैंक्वेट हॉल के अंदर हिरासत में लिया गया. जब सड़कों पर जबरदस्त ड्रामा हुआ तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामला गंभीर होने के बाद कदम उठाने के लिए निर्देश जारी किया. उन्होंने बताया कि जब रैली की अनुमति दे दी गई थी उसके बाद भी MNS के कार्यकर्ताओं ने एक अलग रास्ते की क्यों मांग की थी और इसकी वजह से कानून व्यवस्था को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ गया. फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब महाराष्ट्र में कोई भी प्रदर्शन मांगता है तो उसको उचित रास्ता तय करने के बाद अनुमित दे दी जाती है और उसके बाद भी तय रास्ते के अनुसार संगठन कहीं ओर पहुंच जाता है तो वह कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन जाती है.
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