CM N Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों का विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत किया जाएगा.
CM N Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों का विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत किया जाएगा, लेकिन उनका प्रशासन और अधिकार क्षेत्र सरकार के अधीन होगा. राज्य के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए पीपीपी मॉडल अपनाने के फैसले ने दक्षिणी राज्य में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. नायडू ने कहा कि हालांकि मेडिकल कॉलेजों के विकास के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जा रहा है, लेकिन उसका प्रशासन और अधिकार क्षेत्र सरकार के अधीन होगा. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अडोनी, मरकापुरम, मदनपल्ले और पुलिवेंदुला में पीपीपी मोड के तहत बनाए जा रहे सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पहले चरण के बारे में जानकारी ली. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि निविदा प्रक्रिया के चार चरण पूरे हो चुके हैं. अफसरों ने विश्वास व्यक्त किया कि पूरी प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएगी.
कॉलेजों के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित
मुख्यमंत्री के अनुसार, पीपीपी मोड से गांवों में भी आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो अब तक केवल शहरों में ही उपलब्ध है. टीडीपी सुप्रीमो ने ज़ोर देकर कहा कि पीपीपी मोड के तहत विकसित इन कॉलेजों से छात्रों, आम लोगों और पूरे समाज को लाभ होगा. यह देखते हुए कि इन कॉलेजों में से प्रत्येक के लिए 50 एकड़ ज़मीन आवंटित की गई है. नायडू ने 25 एकड़ में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के निर्माण और शेष 25 एकड़ में नर्सिंग, पैरामेडिकल, दंत चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के निर्माण का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हम अस्पतालों में 70 प्रतिशत बिस्तर गरीबों के लिए निःशुल्क आवंटित कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं भी निःशुल्क हैं. उन्होंने आगे कहा कि इन अस्पतालों को सरकारी मानकों के अनुसार चलना चाहिए. इसके अलावा नायडू ने कहा कि संजीवनी स्वास्थ्य परियोजना का डिजी-नर्व सेंटर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला साबित होगा.
49,000 लोगों का स्वास्थ्य डेटा एकत्र
उन्होंने कहा कि कुप्पम में पायलट आधार पर कार्यान्वित की जा रही यह परियोजना प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के माध्यम से जन स्वास्थ्य की निगरानी करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि 49,000 लोगों का स्वास्थ्य डेटा एकत्र किया गया है और यह परियोजना 1 जनवरी, 2026 से चित्तूर जिले में लागू की जाएगी. यह परियोजना टाटा (समूह) और बिल गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 1 अप्रैल, 2026 से एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वर्तमान में एनटीआर सेवा ट्रस्ट के माध्यम से 330 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च करके 12 लाख दावों का निपटारा किया जा रहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उन्हें खर्च कम करने के लिए जन स्वास्थ्य में निवारक और उपचारात्मक प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया. उन्होंने संजीवनी परियोजना के तहत एकत्र किए गए स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने की बात कही.
ये भी पढ़ेंः सुरजेवाला ने दी सख्त चेतावनीः कर्नाटक नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेताओं पर गिरेगी गाज
