Karnataka Congress: कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को पार्टी विधायकों और नेताओं को नेतृत्व के मुद्दे पर कोई भी सार्वजनिक बयान देने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी.
Karnataka Congress: कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को पार्टी विधायकों और नेताओं को नेतृत्व के मुद्दे पर कोई भी सार्वजनिक बयान देने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी. सुरजेवाला ने कहा कि आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस महासचिव की यह चेतावनी एक दिन पहले शिवकुमार के वफादार कई विधायकों के नई दिल्ली जाने के बाद आई है. इन विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की थी, जो कर्नाटक में सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर बढ़ते सत्ता संघर्ष का संकेत है. सुरजेवाला ने भाजपा पर मीडिया के एक वर्ग के साथ मिलकर राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाने का भी आरोप लगाया.
राज्य का विकास पूरे देश के लिए मॉडल
पार्टी के दिग्गज नेता ने दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस की उपलब्धियां शानदार हैं. पूरे राज्य में कांग्रेस जनकल्याणकारी नीतियों को लागू कर रही है. राज्य का विकास पूरे देश के लिए मॉडल बन गया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ चर्चा हुई. दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि कर्नाटक भाजपा मीडिया के एक वर्ग के साथ मिलकर जानबूझकर कर्नाटक और उसकी कांग्रेस सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रही है. सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को नेतृत्व के मुद्दे पर कोई भी सार्वजनिक बयान देने से मना किया है. नेतृत्व ने विभिन्न पार्टी पदाधिकारियों की राय पर ध्यान दिया है. सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को शिवकुमार के एक मंत्री और कुछ वफादार विधायक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए नई दिल्ली गए, जिससे सत्तारूढ़ दल में सत्ता संघर्ष का संकेत मिलता है.
पांच साल तक पद पर बने रहेंगे सिद्धारमैया
यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ढाई साल पूरे होने के एक दिन बाद हुआ है. मई 2023 में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा थी. कांग्रेस शिवकुमार को मनाने और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने में कामयाब रही. उस समय कुछ खबरें थीं कि “रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूले” के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद सीएम बनेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है. हालांकि, सिद्धारमैया ने इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि वह पांच साल तक पद पर बने रहेंगे.
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