Fake Encounter: पुलिस ने एक व्यापारी के घर पर डकैती के प्रयास के आरोप में मुठभेड़ के बाद ओमवीर और सूर्यदेव नाम के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया था.
Fake Encounter: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में फर्जी मुठभेड़ का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. डकैती के प्रयास के बाद पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया. मुठभेड़ के दौरान दोनों युवकों के पैर में गोली लगी. घायल युवकों के परिजनों ने मुठभेड़ पर सवाल उठा दिया. परिवार वालों की शिकायत पर जब डीएम ने जांच कराई तो मुठभेड़ फर्जी निकली. यह मामला सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन ने आनन-फानन में दोनों युवकों को जेल से रिहा कर दिया. इसके बाद एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने एक SHO समेत दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. यह घटना 9 अक्टूबर को हुई थी, जब पुलिस ने मुरसान थाना क्षेत्र में एक व्यापारी के घर पर डकैती के प्रयास के आरोप में मुठभेड़ के बाद ओमवीर और सूर्यदेव नाम के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया था. मुठभेड़ के दौरान एक युवक के पैर में गोली लगने की भी बात सामने आई थी.
अलीगढ़ के रहने वाले हैं दोनों युवक
हालांकि, परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की थी. इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है. शिकायत के बाद पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया, जिसके दौरान उनमें से एक के पैर में गोली लगी. पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपियों की पहचान ओमवीर उर्फ सोनू और देवा उर्फ सूर्यदेव सिंह के रूप में हुई है, जो अलीगढ़ के इगलास इलाके के बाराकला गांव के निवासी हैं. हालांकि दोनों आरोपियों के परिवारों ने आरोप लगाया कि मुठभेड़ फर्जी थी. परिजनों ने निष्पक्ष जांच तथा जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. बाद में परिजनों ने अपनी मांग को लेकर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक (एसपी) से भी मुलाकात की. अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने तत्कालीन एसएचओ ममता सिंह और एंटी थेफ्ट टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया.
SDM और CO कर रहे जांच
एसपी ने मामले की जांच एसडीएम और सर्कल ऑफिसर (सीओ) को सौंप दी है. पुलिस ने पहले दावा किया था कि गिरफ्तार युवकों के पास से दो देसी पिस्तौल, तीन कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है. हालांकि पुलिस ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद जांचकर्ताओं को दोनों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. मामले की अंतिम रिपोर्ट अदालत में पेश की गई, जिसके बाद शुक्रवार को दोनों युवकों को जेल से रिहा कर दिया गया. सीओ सिटी ने कहा कि जांच के दौरान पाई गई कमियों के आधार पर युवकों को रिहा कर दिया गया. एसपी ने बताया की कि व्यापारी और पुलिस दोनों द्वारा दर्ज मामलों में युवकों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. इसी आधार पर एक अंतिम रिपोर्ट दायर की गई और आरोपियों को रिहा कर दिया गया.
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