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ब्रजेश पाठक ने अखिलेश पर बोला जोरदार हमला, कहा-सपा की स्थापना ही जातिवाद और तुष्टिकरण पर आधारित

by Sanjay Kumar Srivastava
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Dy Cm Brajesh Pathak

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप उसी तरह आपा खो बैठे, जैसे 10 साल पहले यूपी की सत्ता से बेदखल हुए थे. आपको समझना चाहिए कि डीएनए में गड़बड़ी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है.

Lucknow: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को सपा पर ताजा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी “मुस्लिम तुष्टिकरण के डीएनए के साथ पैदा हुई है” और यह अखिलेश यादव की पूरी राजनीति की रोटी और मक्खन है.
पाठक की यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर उनको निशाना बनाकर आपत्तिजनक पोस्ट डाले जाने के बाद आई है. रविवार को सपा प्रमुख यादव ने कहा कि उन्होंने अपने लोगों से आश्वासन लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा और उम्मीद है कि पाठक भी इस तरह के बयान देना बंद कर देंगे, जिससे यह स्थिति पैदा हुई. सपा ने उस समाचार क्लिपिंग का भी हवाला दिया, जिसमें पाठक ने ‘समाजवादी पार्टी के डीएनए’ का जिक्र किया था.

नीतियों और आदर्शों से सपा का लेना-देना नहींः डिप्टी सीएम

उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव जी, डीएनए के सवाल पर आप बहुत नाराज हैं. मैंने कहा कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में गड़बड़ी है और आप उसी तरह आपा खो बैठे, जैसे 10 साल पहले यूपी की सत्ता से बेदखल हुए थे. आपको समझना चाहिए कि डीएनए में गड़बड़ी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है. डीएनए में गड़बड़ी का मतलब है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद जातिवाद और तुष्टिकरण पर आधारित रही है और आज भी है. आपकी प्राथमिकता हमेशा वोट बैंक की राजनीति रही है, नीतियों और आदर्शों से आपका कोई लेना-देना नहीं है.

एक खास वर्ग को खुश करने के लिए समाज की अनदेखी

अपने हमले को तेज करते हुए पाठक ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण सपा की राजनीति का केंद्रीय हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि वह आपको समझाएंगे कि आपकी पार्टी मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ पैदा हुई है और यह आपकी पूरी राजनीति की रोटी और मक्खन है. चाहे कानून व्यवस्था का मुद्दा हो, शिक्षा नीति हो या नियुक्तियां हों. एक खास वर्ग को खुश करने के लिए सर्वसमाज की अनदेखी की है. इससे समाज में विभाजन और अविश्वास गहरा हुआ है. मुख्यमंत्री रहते हुए आपने अपने हस्ताक्षर से आतंकवादियों से जुड़े 14 मामले वापस ले लिए हैं ताकि आपकी पार्टी के मुस्लिम तुष्टिकरण वाले डीएनए को पोषण मिलता रहे. ऐसे में मैं अच्छी तरह से समझा सकता हूं कि डीएनए पर सवाल उठाए जाने से आप इतने उत्तेजित क्यों हैं. आप इतने आहत क्यों हैं?”

समाज को बांटने में विश्वास रखती है एसपी

पाठक ने कहा कि अखिलेश जी, हो सके तो खुद और अपनी पार्टी की सोच बदलने की कोशिश करें. उन्होंने सपा के मीडिया सेल पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपने खुद लिखित में स्वीकार किया है कि आप पार्टी स्तर पर उन्हें समझा देंगे. क्या अब भी कोई संदेह, कोई आशंका बची है कि आपकी पार्टी का डीएनए खराब है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अपनी पार्टी का डीएनए बदल लेना चाहिए, नहीं तो आज से लेकर 2027 तक और उसके बाद भी आपकी पार्टी का यह डीएनए आपको परेशान करता रहेगा. इसलिए जब हम कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में कुछ गड़बड़ है, तो हमारा सीधा मतलब है कि यह पार्टी सत्ता के लिए समाज को बांटने में विश्वास रखती है. यह जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर राजनीति करती है. इसलिए नाराज न हों.

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