पुलिस अधीक्षक (शहर) मानुष पारीक ने कहा कि दोनों छात्र हैदरी दल से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे. उनमें से एक ने समूह को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया.
Bareilly (UP): उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार किया है.इनमें से एक मेडिकल और दूसरा इंजीनियरिंग का छात्र है. दोनों पर भड़काऊ सामग्री को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप है. यूपी के बरेली जिले में कट्टरपंथी समूह हैदरी दल से संबंध रखने के संदेह में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेडिकल छात्र जैश अहमद और इंजीनियरिंग छात्र शानू को सोशल मीडिया और ऑफलाइन समारोहों के माध्यम से भड़काऊ सामग्री को बढ़ावा देने व धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में रविवार शाम को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
हैदरी दल से सक्रिय रूप से जुड़े थे दोनों आरोपी
पुलिस अधीक्षक (शहर) मानुष पारीक ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों छात्र हैदरी दल से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे. उनमें से एक ने समूह को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया, जबकि दूसरा अपने क्लिनिक में बैठकों की सुविधा प्रदान करता था. दोनों के नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है. अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, बरेली के बारादरी निवासी अहमद एक निजी होम्योपैथी कॉलेज का छात्र है और अपने आवास के पास एक क्लीनिक भी संचालित करता है. जांच में पता चला है कि जैश ने अपने क्लिनिक का इस्तेमाल जिले भर के हैदरी दल के सदस्यों के लिए बैठक के रूप में किया था, जहां समूह की रणनीतियों पर चर्चा की जाती थी.
इंस्टाग्राम पर अपलोड करते थे आपत्तिजनक सामग्री
पुलिस ने दावा किया कि उस पर संगठन को वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी आरोप है. बहेरी निवासी शानू एक निजी विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष का छात्र है. पुलिस ने कहा कि जैश की गिरफ्तारी के बाद जांच के दौरान पता चला कि शानू ने हैदरी दल के नाम से एक इंस्टाग्राम पेज बनाया था. पुलिस ने दावा किया कि पेज का इस्तेमाल आपत्तिजनक, भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री साझा करने के लिए किया गया था. दोनों आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
7 जून को जांच के दायरे में आया था हैदरी दल
मालूम हो कि हैदरी दल पहली बार बकरीद के दिन 7 जून को जांच के दायरे में आया था, जब गांधी उद्यान (पार्क) में युवकों के एक समूह द्वारा एक विशेष समुदाय के सदस्यों से भिड़ने का वीडियो सामने आया था. वीडियो में पुरुष एक विशिष्ट समुदाय की युवतियों से सवाल करते नजर आ रहे थे, जो दूसरे समुदाय के पुरुषों के साथ बैठी थीं. उनसे उनका नाम, धर्म और पता पूछ रहे थे, जिसका उद्देश्य उन्हें शर्मिंदा और डराना था. बाद में वीडियो को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया, जहां यह तेजी से वायरल हो गया.
फरार आरोपियों की तलाश कर रही पुलिस
लोगों के आक्रोश और वीडियो के ऑनलाइन प्रसार के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 8 जून को कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया. दो आरोपियों मल्लपुर भूटा निवासी शाहबाज रजा उर्फ सूफियान और समीर रजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. हालांकि, मुफ्ती खालिद (पूरनपुर निवासी) और रियाजुद्दीन (फरीदपुर थाने के मझुआ निवासी) सहित अन्य संदिग्ध फरार हैं. इस बीच अधिकारी हैदरी दल को मिलने वाली वित्तीय सहायता के स्रोतों की भी जांच कर रहे हैं. उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने संगठन को धन दिया है.
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