Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि जो लोग राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करते हैं, वे भारत की एकता और अखंडता का अपमान कर रहे हैं.
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि जो लोग राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करते हैं, वे भारत की एकता और अखंडता का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के नेताओं मोहम्मद अली जिन्ना और मोहम्मद अली जौहर का हवाला दिया. उन्होंने गोरखपुर में सोमवार को ‘एकता यात्रा’ और ‘वंदे मातरम’ के सामूहिक गायन में भाग लेते हुए कहा कि आज भी हम भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति से उम्मीद करते हैं कि वह राष्ट्र के प्रति वफादार रहे और इसकी एकता के लिए काम करे. उन्होंने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ की 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए गए, तो विरोध के वही स्वर फिर से उभर आए. कहा कि समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने फिर राष्ट्रगीत का विरोध किया. ये वही लोग हैं जो भारत की अखंडता के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को छोड़ देते हैं, लेकिन बेशर्मी से जिन्ना के सम्मान में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होते हैं.
अलगाववादी ताकतों से देश को खतरा
आदित्यनाथ ने पूछा कि अगर देश अपने राष्ट्रीय नायकों का सम्मान करने में विफल रहता है, तो वह कहां जाएगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद, नक्सलवाद और आतंकवाद, जो भारत की एकता और अखंडता को लगातार चुनौती देते हैं. वे राष्ट्रीय प्रतीकों और क्रांतिकारियों का अपमान करने वालों द्वारा पोषित होते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा मिलता है जो देश की राष्ट्रीय पहचान के लिए खतरा हैं. उन्होंने कहा कि अब हमारा कर्तव्य है कि हम समाज को विभाजित करने वाले सभी तत्वों की पहचान करें और उनका विरोध करें, चाहे वह जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर हो. ये विभाजन नए जिन्ना बनाने की साजिश का हिस्सा हैं. जिन्ना ने 1913 से 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की स्थापना तक अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के नेता के रूप में कार्य किया. इसके बाद वे पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल बने. जौहर अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के सह-संस्थापक थे. उन्होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई नया जिन्ना न उभरे.
‘वंदे मातरम’ के विरोध का कोई औचित्य नहीं
कहा कि अगर कोई देश की अखंडता को चुनौती देने की हिम्मत करता है, तो हमें ऐसी विभाजनकारी मंशा को जड़ पकड़ने से पहले ही दफना देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को इस उद्देश्य के लिए एकजुट होना चाहिए. आदित्यनाथ ने कहा कि “वंदे मातरम” का विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है. 1923 के कांग्रेस अधिवेशन में जौहर द्वारा इसके पक्ष में खड़े होने से इनकार करने के बाद राष्ट्रीय गीत के खिलाफ जहर फैलना शुरू हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1896 से 1922 तक वंदे मातरम हर कांग्रेस सत्र में गाया गया था, लेकिन 1923 में जब जौहर कांग्रेस अध्यक्ष बने, तो जैसे ही गीत शुरू हुआ, उन्होंने बाहर निकलकर भाग लेने से इनकार कर दिया. जिससे वंदे मातरम् का विरोध भारत के विभाजन के दुर्भाग्यपूर्ण कारणों में से एक बन गया. आदित्यनाथ ने कहा कि यदि कांग्रेस ने उस समय जौहर को निष्कासित कर दिया होता और वंदे मातरम् के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का सम्मान किया होता तो भारत का विभाजन कभी नहीं होता.
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