Home Religious आज का पंचांग, 18 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मूहूर्त, तिथि योग और करण आदि की जानकारी

आज का पंचांग, 18 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मूहूर्त, तिथि योग और करण आदि की जानकारी

by Rishi
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Aaj Ka Panchang: आज सूर्योदय सुबह 05:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 07:21 बजे होगा. चंद्रोदय 19 जून को तड़के 12:24 बजे और चंद्रास्त सुबह 11:50 बजे होगा.

Aaj Ka Panchang: आज, बुधवार, 18 जून 2025 को विक्रम संवत 2082 कालयुक्त के अंतर्गत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आज कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, पंचक और आडल योग जैसे विशेष संयोग बन रहे हैं. भारतीय पंचांग के अनुसार, आज का दिन न केवल पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर भी यह दिन कई विशेषताओं से युक्त है. आइए, आज के पंचांग के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से जानते हैं.

सूर्योदय, चंद्रोदय और तिथि-नक्षत्र का विवरण

आज सूर्योदय सुबह 05:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 07:21 बजे होगा. चंद्रोदय 19 जून को तड़के 12:24 बजे और चंद्रास्त सुबह 11:50 बजे होगा. तिथि की बात करें तो आज कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 01:34 बजे तक रहेगी, जिसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी. नक्षत्र के संदर्भ में, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र रात 12:23 बजे (19 जून) तक रहेगा, और इसके बाद उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा. आज का योग प्रीति है, जो सुबह 07:40 बजे तक रहेगा, और इसके बाद आयुष्मान योग शुरू होगा. करण में बव दोपहर 01:34 बजे तक और फिर बालव रात 12:48 बजे (19 जून) तक रहेगा. चंद्र राशि आज कुम्भ है, जो शाम 06:35 बजे तक रहेगी, और फिर मीन राशि में प्रवेश करेगी. सूर्य राशि मिथुन और सूर्य नक्षत्र मृगशिरा है, जो शाम 06:40 बजे तक तीसरे चरण में रहेगा.

विशेष धार्मिक महत्व: कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

आज का दिन कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. कालाष्टमी भगवान भैरव की पूजा का विशेष दिन है, जो भक्तों को भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है. इस दिन भगवान भैरव की पूजा, व्रत और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. साथ ही, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त इस दिन व्रत रखकर और भगवान कृष्ण के भक्ति भजनों का गान करके अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं. पंचक का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, जिसके कारण कुछ शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है. इसके अतिरिक्त, आडल योग का प्रभाव भी रात 12:23 बजे (19 जून) से सुबह 05:23 बजे तक रहेगा, जो कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है.

शुभ और अशुभ समय

आज के शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:03 से 04:43 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 02:42 से 03:38 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 07:20 से 07:40 बजे तक, और अमृत काल शाम 04:36 से 06:09 बजे तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 12:02 बजे (19 जून) से 12:42 बजे तक रहेगा. वहीं, अशुभ समय में राहुकाल दोपहर 12:22 से 02:07 बजे तक, यमगण्ड सुबह 07:08 से 08:53 बजे तक, गुलिक काल सुबह 10:38 से दोपहर 12:22 बजे तक, और दुर्मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा. वर्ज्य काल सुबह 07:15 से 08:48 बजे तक और बाण में अग्नि सुबह 10:17 बजे तक रहेगा. इन समयों में महत्वपूर्ण कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है.

ऋतु, अयन और अन्य ज्योतिषीय विवरण

आज द्रिक और वैदिक दोनों ही ऋतुओं में ग्रीष्म ऋतु है, और अयन उत्तरायण है. दिन का समय 13 घंटे 58 मिनट 02 सेकंड और रात का समय 10 घंटे 02 मिनट 07 सेकंड रहेगा. मध्याह्न दोपहर 12:22 बजे होगा. आनन्दादि योग में पद्म रात 12:23 बजे (19 जून) तक रहेगा, जो शुभ माना जाता है, जबकि इसके बाद लुम्बक योग शुरू होगा, जो अशुभ है. तमिल योग में सिद्ध योग रात 12:23 बजे तक रहेगा, और फिर मरण योग शुरू होगा. होमाहुति गुरु (बृहस्पति) को रात 12:23 बजे तक दी जाएगी, और दिशा शूल उत्तर दिशा में रहेगा, जिसके कारण इस दिशा में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.

ज्योतिषीय सलाह और सावधानियां

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से आज का दिन मिश्रित प्रभाव वाला है. कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के कारण धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ के लिए यह दिन उत्तम है, लेकिन पंचक और आडल योग के प्रभाव के कारण कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं. विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य मांगलिक कार्यों के लिए आज का दिन उपयुक्त नहीं माना जाता. हालांकि, शुभ मुहूर्तों में पूजा, ध्यान, और दान-पुण्य जैसे कार्य किए जा सकते हैं. भगवान भैरव और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त आज विशेष मंत्रों का जाप और व्रत का पालन कर सकते हैं. 18 जून 2025 का पंचांग धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है. कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी जैसे पर्व इस दिन को और भी विशेष बनाते हैं. भक्तों के लिए यह दिन पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है, लेकिन ज्योतिषीय सावधानियों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना उचित होगा. शुभ मुहूर्तों का लाभ उठाकर और अशुभ समय से बचकर आज का दिन सकारात्मक और फलदायी बनाया जा सकता है.

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