Ashadha Amavasya 2025: घी का दीपक, केसर-लौंग और पितरों का तर्पण; जानिए आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करें जिससे लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहे.
Ashadha Amavasya 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. यह दिन पितृ शांति, सुख-समृद्धि और धन-लाभ के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है. 2025 में यह तिथि शुभ संयोगों के साथ आ रही है. शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और शत्रु पक्ष शांत होता है. आइए जानें किन उपायों से जीवन में बरकत लाई जा सकती है.
दीपक में डालें केसर और लौंग, लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
आषाढ़ अमावस्या की रात को घी का दीपक जलाकर उसमें 2 लौंग और थोड़ी सी केसर डालना बेहद शुभ माना गया है. यह उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में स्थायी समृद्धि लाता है. दीपक को घर के उत्तर-पूर्व दिशा या पूजा स्थल में जलाना चाहिए. ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी घर में वास करती हैं और दरिद्रता दूर होती है.
व्रत से बढ़ती है पति की उम्र
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जो स्त्रियां आषाढ़ अमावस्या के दिन व्रत रखती हैं और पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करती हैं, उन्हें सौभाग्य का वरदान मिलता है. यह उपाय पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है और वैवाहिक जीवन में सुख-संतुलन बनाए रखता है.
ये उपाय करनें से हो है चमत्कार
इस दिन 9 कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत पुण्यकारी होता है. इससे नौकरी या व्यवसाय में आ रही आर्थिक रुकावटें समाप्त होती हैं. साथ ही, रात्रि में 5 जलते हुए दीये और 5 लाल फूल किसी बहती नदी में प्रवाहित करने से शत्रु शांत होते हैं और जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं.
तर्पण और पिंडदान से मिलती है पितरों को शांति
आषाढ़ अमावस्या का एक प्रमुख कार्य पितरों का तर्पण और पिंडदान करना होता है. यह क्रिया सूर्योदय के बाद स्नान कर के की जाती है. ब्राह्मण भोज, दान और पंचबलि कर्म करने से पूर्वजों की आत्मा को यमराज की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से परिवार में शांति और कल्याण आता है.
मछलियों को खिलाएं आटा, दूर होंगी रुकावटें
इस दिन सुबह स्नान के बाद आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर किसी तालाब या सरोवर में मछलियों को खिलाना शुभ माना गया है. यह उपाय जीवन में उन्नति के मार्ग में आ रही अड़चनों को समाप्त करता है और तरक्की की राह आसान करता है.
यह भी पढ़ें: Ramayana Katha: इस श्राप के चलते मां सीता को हाथ भी ना लगा पाया था रावण, जानिए पौराणिक कथा का रहस्य