Sawan Kanwar Yatra 2025: इस सावन में यदि आप भी कांवड़ यात्रा पर जाने का संकल्प ले रहे हैं तो इन नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को सफल और पुण्यकारी बनाएं.
Sawan Kanwar Yatra 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और उपासना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है. इसी महीने में देशभर से शिवभक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं और गंगा जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इस यात्रा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा है, जिसमें आस्था, श्रद्धा और निष्ठा का अनूठा संगम देखने को मिलता है.
कांवड़ यात्रा 2025 की तिथि
सावन महीने की शुरुआत इस बार 11 जुलाई 2025 से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा. कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी सावन के पहले दिन यानी 11 जुलाई 2025 से होगी और यह यात्रा पूरे महीने चलेगी.
कांवड़ यात्रा का महत्व

ऐसी मान्यता है कि कांवड़ यात्रा की परंपरा भगवान शिव के परम भक्त परशुराम ने शुरू की थी. भक्त गंगाजल लेकर शिवालयों में पहुंचते हैं और शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं. इस यात्रा का उद्देश्य मन, वचन और कर्म की शुद्धता के साथ भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है.
कांवड़ यात्रा के जरूरी नियम
• कांवड़ यात्रा के दौरान नशीले पदार्थ जैसे शराब, तंबाकू, पान और गुटखा से दूर रहना जरूरी है.
• यात्रा में कांवड़ या जल कलश को जमीन पर रखने की अनुमति नहीं होती. यदि ऐसा हो जाए तो फिर से जल भरकर यात्रा की शुरुआत करनी होती है.
• मल-मूत्र त्याग के बाद स्नान कर ही दोबारा कांवड़ उठाएं.• यात्रा के दौरान चमड़े की बनी वस्तुओं को स्पर्श करने से बचें.
कांवड़ यात्रा की परंपरा
कांवड़ यात्रा में भक्त हरिद्वार, ऋषिकेश, गोमुख, गंगोत्री या सुल्तानगंज जैसे पवित्र स्थलों से गंगाजल भरते हैं. फिर इसे कंधे पर रखकर पैदल यात्रा करते हुए शिव मंदिरों तक पहुंचाते हैं और पवित्र जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. यात्रा के दौरान हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे गूंजते रहते हैं.
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