Chhattisgarh Liquor Scam : छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. ईडी ने दावा किया कि चैतन्य सिंडिकेट का सबसे बड़ा गुरु है.
Chhattisgarh Liquor Scam : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) इसके पीछे सिंडिकेट के मुखिया थे. इस होने वाली 1 हजार करोड़ की कमाई की राशि उन्होंने पर्सनली संभाला था. ईडी ने दावा किया कि चैतन्य ने सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर जानबूझकर अपराध की आय को छिपाने, रखने, प्राप्त और उपयोग करने में मदद की. ED ने सोमवार को जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दमरुधर चौहान की अदालत में दायर आरोप पत्र दाखिल करके दावा किया. बता दें कि चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई को दुर्ग जिले के भिलाई शहर में उनके घर की तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था.
सिंडिकेट में प्रभावशाली व्यक्ति था चैतन्य
कथित 2500 करोड़ रुपये का शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, उस वक्त राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता पर काबिज थी. ईडी ने अब तक इस मामले में एक अभियोजन की शिकायत और चार पूरक शिकायतें दर्ज की हैं. साथ ही एजेंसी ने कहा कि 2019 में छत्तीसगढ़ में नई (कांग्रेस) सरकार के गठन के बाद एक संगठित शराब सिंडिकेट बनाया गया था. इस सिंडिकेट को चलाने के लिए तत्कालीन आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर को चुना गया था. वहीं, इस सिंडिकेट का सर्वोच्च लीडर चैतन्य था और उसकी भूमिका सिर्फ प्रतीकात्मक के रूप में नहीं थी बल्कि वह प्रभावी और निर्णायक थी. वह सिंडिकेट द्वारा एकत्र किए गए सभी अवैध धन का हिसाब बनाए रखने के लिए जिम्मेदार था.
चैतन्य अपराध की आय का प्राप्तकर्ता
मुख्यमंत्री के बेटे के रूप में उसकी स्थिति ने उसे सिंडिकेट का नियंत्रक और उसका बड़ा अधिकारी बना दिया. ईडी ने दावा किया चैतन्य अपराध की आय का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में शामिल करने का भी काम किया. साथ ही इस प्रकार की इकट्ठा की गई संपत्तियों को बेदाग बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एजेंसी ने आगे कहा कि जांच से पता चलता है कि अपराध की आय में से एक बड़ी राशि लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू नामक व्यक्ति द्वारा एकत्र की जा रही थी, जिसने ईडी के सामने अपने बयान में खुलासा किया. बताया जा रहा है कि उसने चैतन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले से उत्पन्न 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय को संभाला था.
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