Massive fire in Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे एक तेल संयंत्र में भीषण आग लग गई. आग इतनी विकराल थी कि 12 घंटे से अधिक समय तक लपटें उठती रहीं.
Massive fire in Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे एक तेल संयंत्र में भीषण आग लग गई. आग इतनी विकराल थी कि 12 घंटे से अधिक समय तक लपटें उठती रही. घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. आग लगभग 25,000 लीटर खाद्य तेल से भरे एक टैंक में लगी थी. अधिकारियों ने बताया कि 25 दमकल गाड़ियों के लगातार प्रयासों के बावजूद देर शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था. जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, जबकि लखनऊ से एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की एक टीम और दिल्ली से तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर भेजा गया. मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार के अनुसार, एहतियात के तौर पर धधकती इकाई के 500 मीटर के दायरे में सभी 600 छोटे और मध्यम कारखानों को बंद कर दिया गया है. जनता की पहुंच को रोकने के लिए पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.
आग लगते ही भागे श्रमिक
उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग के कर्मियों को आशंका है कि अगर आग की लपटें टैंक के अंदर तक पहुंच गईं तो विस्फोट हो सकता है, जिससे लगातार शीतलन अभियान चलाना पड़ रहा है. अधिकारियों के अनुसार, यह घटना गोरखपुर औद्योगिक विकास क्षेत्र (गीडा) सेक्टर-15 स्थित रूंगटा इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हुई. आग भूमिगत तेल टैंक की आपूर्ति पाइपलाइन में लगी. जैसे ही आग की लपटें उठीं, श्रमिकों ने परिसर खाली कर दिया. उन्होंने कहा कि दमकल टीमों ने स्थिति को संभालने के लिए चार विशेष इकाइयां बनाईं और घंटों से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं. आपूर्ति बाधित होने के स्थान का पता लगाने के लिए टैंक लगाने वाली कंपनी को दिल्ली से बुलाया गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, आग तभी बुझ सकती है जब तेल की आपूर्ति बंद कर दी जाए या पूरा स्टॉक जल जाए. टैंक को ठंडा करने के लिए दमकलकर्मी नौ घंटे से ज़्यादा समय से पानी डाल रहे हैं. विस्फोट रोकने के लिए एक आर्द्र बफर ज़ोन बनाने हेतु रेत भी लाई जा रही है.
आग बुझाने में लगी 25 दमकल गाड़ियां
तीन एकड़ में फैला यह संयंत्र इंडेन और एचपी गैस इकाइयों से घिरा हुआ है, जिससे स्थिति बिगड़ने पर चिंता बढ़ गई है. तकनीकी विशेषज्ञों ने टैंक के 50 फुट के दायरे में नुकसान की चेतावनी दी है, जिससे अधिकारियों ने क्षेत्र में आवाजाही रोक दी है. इस बीच दो रिसाव बिंदु देखे गए हैं. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि आग रखरखाव कार्य के दौरान लगी होगी. इंडियन ऑयल और अन्य कंपनियों के इंजीनियर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. लखनऊ तथा आसपास की औद्योगिक इकाइयों से अतिरिक्त दमकल गाड़ियां भी अभियान में शामिल हो गई हैं. डीएम मीणा ने पुष्टि की है कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. कहा कि आग पर काबू पाने में पांच से छह घंटे और लग सकते हैं. कार्यवाहक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिनव त्यागी ने कहा कि शुरुआत में लगभग 25 दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया था. पड़ोसी जिलों से और गाड़ियों को बुलाया गया है. चार समर्पित अग्निशमन कर्मियों की टीमों और एनडीआरएफ के सहयोग से बड़े पैमाने पर बचाव और नियंत्रण अभियान चल रहा है. आग पर काबू पाने तक अधिकारियों ने पूरे औद्योगिक क्षेत्र को सील कर दिया है.
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