कांग्रेस विधायक ने कहा कि मंत्री ने न केवल असली मुद्दे से ध्यान भटकाया है, बल्कि यह भी आरोप लगाया कि सरकार इसे हल करने में असमर्थ है.
Jaipur: राजस्थान के मंत्री ने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं तो भारी बारिश होती है. बाड़मेर जिले के बालोतरा क्षेत्र में घरों और खेतों में घुस रहे प्रदूषित पानी और जलभराव के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री केके विश्नोई ने कहा कि हर बार जब मुख्यमंत्री भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं तो इतनी भारी बारिश होती है कि उन्हें भगवान इंद्र से बारिश कम करने की प्रार्थना करनी पड़ती है. कांग्रेस ने सूबे के उद्योग राज्य मंत्री की टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि राज्य पर आए संकट की जिम्मेदारी भगवान पर डालना हास्यास्पद है.
प्रदूषित पानी से जूझ रहा बालोतरा
शनिवार को बाड़मेर दौरे के दौरान विश्नोई ने कहा कि बाड़मेर-बालोतरा जिले की हम बात कर रहे हैं, वहां भगवान इंद्र बहुत उदार हैं. मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री भरतपुर में भगवान श्रीकृष्ण की जब पूजा करते हैं तो यहां अत्यधिक भारी बारिश होती है. इसके बाद मुख्यमंत्री को भगवान इंद्र से बारिश कम करने की प्रार्थना करनी पड़ती है. ताकि लोग अपना जीवन जारी रख सकें. बालोतरा जोजरी नदी से बहने वाले प्रदूषित पानी की समस्या से लगातार जूझ रहा है. जोधपुर और पाली के कारखानों से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को ले जाने वाली यह नदी मानसून के दौरान उफान पर आ जाती है, जिससे बालोतरा के गांवों में काला और बदबूदार पानी भर जाता है. विश्नोई की टिप्पणी की आलोचना करते हुए बाड़मेर के बायतू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि मानव निर्मित संकट की ज़िम्मेदारी भगवान पर डालना हास्यास्पद है.
बाढ़ के कारण लोगों ने छोड़ा घर
कांग्रेस विधायक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मंत्री ने न केवल असली मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाया है, बल्कि यह भी आरोप लगाया कि सरकार इसे हल करने में असमर्थ है और केवल प्रार्थना ही मदद कर सकती है. यह हास्यास्पद है. चौधरी ने दावा किया कि जोजरी नदी के आस-पास के इलाके जलमग्न हैं. इन इलाकों में दूषित पानी खेतों, घरों और अन्य इमारतों में घुस रहा है. बारिश के दौरान नदी में उफान आने पर समस्या और भी बदतर हो जाती है. स्थानीय लोगों ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि वे कई वर्षों से इस समस्या से प्रभावित हैं. जोधपुर तथा पाली के कारखानों से निकलने वाले प्रदूषकों को नदी में छोड़ने से रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि इस स्थिति के कारण प्रभावित गांवों में कई बार विरोध प्रदर्शन हुए हैं. बाढ़ और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के कारण कई परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं. उन्होंने बताया कि जोधपुर से बाड़मेर तक 100 किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
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