Voice of Global South Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार (17 अगस्त) को कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों को एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए और साझा लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एकजुट रहना चाहिए.
17 August, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों को स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी विभाजन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होने का आह्लवान किया है. दरअसल, 17 अगस्त को वर्चुअल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में आज अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. ऐसे में हम सभी को एकजुटता का खभीरता से ध्यान रखना चाहिए.
‘विकास से जुड़े मुद्दों का है यह मंच’
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये समिट विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का मंच बन गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2022 में जब भारत ने G20 अध्यक्षता संभाली तो हमने संकल्प लिया था कि हम G20 को एक नया स्वरूप देंगे. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट एक ऐसा मंच बना, जहां हमने विकास से संबंधित समस्याओं और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा की और भारत ने ग्लोबल साउथ की आशाओं और आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं पर आधारित G20 एजेंडा तैयार किया. एक समावेशी और विकास केंद्रित अप्रोच से G20 को आगे बढ़ाया.
कोविड महामारी से अभी तक नहीं उबरी है दुनिया
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कई अन्य बातों का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समिट अनिश्चितताओं के समय हो रही है क्योंकि दुनिया अभी भी पूरी तरह से कोविड महामारी से उबर नहीं पाई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले दशक में बनाए गए वैश्विक प्रशासन और वित्तीय संस्थान इस दशक की चुनौतियों से लड़ने में असमर्थ हैं. आगे पीएम ने कहा कि ये समय की मांग है कि ग्लोबल साउथ के देशों को एकजुट होना होगा और एक-दूसरे की ताकत बनना होगा.
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