अधिकारियों ने आरोप लगाया कि छोकर ने ईडी अधिकारियों और होटल के कर्मचारियों पर हमला करने की कोशिश की, जबकि आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों को भी बुलाया गया था.
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक धरम सिंह छोकर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. एजेंसी के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 61 वर्षीय पूर्व विधायक को रविवार रात 9 बजे के बाद मध्य दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया. ईडी अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें एक खुफिया सूचना मिली थी कि छोकर कुछ लोगों के साथ होटल के बार में मौजूद है.
ईडी अधिकारियों और होटल के कर्मचारियों पर हमले का आरोप
उन्होंने बताया कि एजेंसी के एक अधिकारी गुरुग्राम की विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा जारी घोषित अपराधी अधिसूचना के अलावा उसके खिलाफ जारी सात गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के अनुपालन में जल्द ही मौके पर पहुंचे. ईडी अधिकारी द्वारा पूछताछ किए जाने पर छोकर बाहर जाने के लिए भागने लगा. ईडी गुरुग्राम जोन के संयुक्त निदेशक नवनीत अग्रवाल, जो होटल में मौजूद थे, के साथ अधिकारियों ने पूर्व विधायक का पीछा किया और उसे पकड़ लिया. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि छोकर ने ईडी अधिकारियों और होटल के कर्मचारियों पर हमला करने की कोशिश की, जबकि आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों को भी बुलाया गया था. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने स्थानीय पुलिस को बुलाया और जल्द ही एक बीट कांस्टेबल भी पहुंचा और छोकर को दिल्ली में ईडी मुख्यालय ले जाया गया.
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घर खरीदारों को धोखा देने और पांच सौ करोड़ से अधिक की धनराशि हड़पने का आरोप
उन्होंने कहा कि छोकर को सोमवार को गुरुग्राम की एक अदालत में पेश किया जाएगा. पानीपत जिले की समालखा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव हार गए थे. पूर्व कांग्रेस विधायक धरम सिंह छोकर , उसके बेटे विकास छोकर (फरार) और सिकंदर छोकर पर 500 करोड़ से अधिक की धनराशि हड़पने का आरोप है. सिकंदर को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल से बाहर है.
लाइसेंस के लिए फर्जी बैंक गारंटी सहित जाली दस्तावेज किया था जमा
ईडी ने मार्च में कहा था कि एजेंसी ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर उन्हें 19 मई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था. धन शोधन का मामला साईं आइना फर्म और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस की एफआईआर से उपजा है. आरोप है कि आरोपियों ने बाहरी और आंतरिक विकास कार्यों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी सहित जाली दस्तावेज जमा किया था.
कंपनी ने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया लोगों के धन का उपयोग
हालांकि, कंपनी वादा किए गए समयसीमा के भीतर घरों को देने में विफल रही और धन का दुरुपयोग किया. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि लोगों के धन का उपयोग कंपनी के निदेशकों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया था. ईडी ने अप्रैल, 2024 में सिकंदर सिंह छोकर, उनसे जुड़ी कंपनियों जैसे माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और डीएस होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और कुछ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
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