आदिवासी इलाकों में ज़्यादातर उपभोक्ता बार-बार अपील करने के बावजूद बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं. जिसके कारण अब तक 475 करोड़ रुपये के बिल बकाया हो गए हैं.
Agartala: त्रिपुरा में आधे से अधिक उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं. त्रिपुरा के कुल 9 लाख उपभोक्ताओं में से आधे से ज़्यादा ने कई सालों से अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया कि सिर्फ़ 4,32,045 उपभोक्ताओं ने त्रिपुरा राज्य बिजली निगम (TSECL) को अपने बिजली बिल का भुगतान किया है. जिसके कारण अब तक 475 करोड़ रुपये के लंबित बिल जमा हो गए हैं.
बार-बार अपील करने के बावजूद नहीं करते भुगतान
अधिकारी ने बताया कि आदिवासी इलाकों में ज़्यादातर उपभोक्ता बार-बार अपील करने के बावजूद बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं. इसके परिणामस्वरूप लंबित बिलों का संचय होता है. टीएसईसीएल के प्रबंध निदेशक विश्वजीत बोस ने पीटीआई को बताया कि राज्य में 9,27,838 उपभोक्ता हैं. इनमें से केवल 4,32,045 उपभोक्ता ही मासिक ऊर्जा बिल का भुगतान करते हैं, जो लगभग 40 प्रतिशत है. हाल ही में बिजली बिलों की वसूली बढ़कर लगभग 45 प्रतिशत हो गई है. उनके अनुसार, अगरतला सहित शहरी क्षेत्रों में बिल भुगतान संतोषजनक प्रतीत होता है, लेकिन तुलशिकर, हेजामारा, मुंगियाकामी और जतनबारी जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह गंभीर समस्या है.
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अब तक राज्य में लंबित बिलों का 475 करोड़ रुपये बकाया
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में लंबित बिलों की राशि 475 करोड़ रुपये हो गई है. हम बिलों के संग्रह को बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं. टीएसईसीएल की टीमें उपभोक्ताओं से मिल रही हैं और उनसे अनुरोध कर रही हैं कि वे अपने लंबित बिलों का जल्द से जल्द भुगतान करें. कुछ मामलों में हमने बिजली कनेक्शन काटना शुरू कर दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि टीएसईसीएल हुकिंग लाइनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी काम कर रहा है, जो ज्यादातर आदिवासी इलाकों में है.
गर्मियों में बढ़ जाती है बिजली की खपत
उन्होंने कहा कि 10 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने मुख्य बिजली लाइनों के लिए हुकिंग का सहारा लिया था. पिछले साल कनेक्शन काट दिए गए थे और 3 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला गया था.हम पूरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने की कोशिश कर रहे हैं. बोस ने कहा कि गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है. इसलिए राज्य की बिजली कंपनी गर्मियों के मौसम- जून, जुलाई और अगस्त के दौरान 372 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था करेगी, जब पूर्वोत्तर राज्य में बिजली की खपत बढ़ जाती है.
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