Home Top News फ्यूचर की नो टेंशन! दिल्ली के स्कूलों में शुरू हुआ प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम, जानें खासियत

फ्यूचर की नो टेंशन! दिल्ली के स्कूलों में शुरू हुआ प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम, जानें खासियत

by Live Times
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दिल्ली के स्कूलों में Pre-vocational Education Programme की शुरुआत की गई है जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को फ्यूचर में काम पाने के लिए तैयार करना है.

दिल्ली के स्कूलों में Pre-vocational Education Programme की शुरुआत की गई है जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को फ्यूचर में काम पाने के लिए तैयार करना है.

Pre-vocational Education Programme in Delhi: दिल्ली सरकार ने स्कूलों में प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम शुरू किया है. ईयर 2025-26 के लिए इस प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. अहम ये है कि इस प्रोग्राम को 6-8 क्लास के स्टू़डेंट्स के लिए डिजाइन किया गया है.

क्या है प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम का लक्ष्य?

प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम का उद्देश्य स्टूडेंट्स को लाइफ स्किल्स और वोकेशनल अवेयरनेस सिखाना है. इसके अंतर्गत छात्रों को ऑर्गेनिक फार्मिंग और कारपेंट्री भी सिखाई जाएगी. इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को हर साल तीन प्रोजेक्ट बनाने होंगे और उसके बाद उनका इवेल्युएशन रिटन एग्जाम और प्रोजेक्ट्स के आधार पर ही होगा. जिन स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट सबसे अच्छे होंगे, उनके प्रोजेक्ट्स को कौशल मेले में डिस्प्ले किया जाएगा. अहम ये है कि इस प्रोग्राम का नाम भी ‘कौशल बोध’ ही रखा गया है. प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम को New National Education Policy के मुताबिक ही बनाया गया है.

What is the aim of pre-vocational education program?

कैसे होगी पढ़ाई?

इस सब्जेक्ट को स्टार्टिंग में क्लास छह के लिए अलग सब्जेक्ट के रूप में स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा. इसके बाद इसे क्लास 7 और क्लास 8 में भी इंट्रोड्यूस कराया जाएगा. इस कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को इस तरह तैयार किया जाएगा ताकि फ्यूचर के चैलेंजेस को वो कॉन्फिडेंस के साथ फेस कर सकें. इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को आवश्यक स्किल्स भी सिखाए जाएंगे. इसके लिए अलग से टीचर्स की जरुरत नहीं होगी बल्कि जो टीचर्स पहले से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वो ही स्टूडेंट्स् को इवेल्यूएट करेंगे.

स्कूलों को दी गए ये इन्स्ट्रक्शन्स

प्री-वोकेशनल एजुकेशन प्रोग्राम के तहत सभी स्कूलों को अहम इन्स्ट्रक्शन्स दिए गए हैं जिसके मुताबिक उन्हें कहा गया है कि वो इस प्रोग्राम को सही से कंडक्ट करें. स्कूल प्रमुखों से कहा गया कि वो टीचर्स को ट्रेनिंग दें और स्किल एजुकेशन को स्कूल के एनवायरमेंट के साथ जोड़ें. इस प्रोग्राम के लिए साल में 110 घंटे तय किए गए हैं. अहम ये है कि दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी सरकार शुरुआत से ही कहती रही है कि स्टूडेंट्स को मौजूदा समय में पढ़ाई के साथ ही अलग से स्किल्स सीखने की भी जरुरत है ताकि वो अपने फ्यूचर में काम पा सकें. दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो आने वाले समय में और भी ज्यादा कोर्स को इंट्रोड्यूस करेगी ताकि छात्रों का जीवन सफल बन सके. अहम ये है कि हाल ही में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की पीटीएम में अब दिल्ली पुलिस भी शामिल होगी जिसमें ये बताया जाएगा कि बच्चे में नशे की लत के दौरान वो किस तरह का बर्ताव करता है.

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