Home Latest News & Updates अरुणाचल में पैसा लेकर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 53 अभ्यर्थी गिरफ्तार, 29 उपकरण जब्त

अरुणाचल में पैसा लेकर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 53 अभ्यर्थी गिरफ्तार, 29 उपकरण जब्त

by Sanjay Kumar Srivastava
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accused arrested

परीक्षा के दौरान नकल करने के लिए जीएसएम-सक्षम गैजेट और माइक्रो इयरपीस सहित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते पकड़े गए.

Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पैसा लेकर नौकरी दिलाने का काम करता था. पुलिस ने 53 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 29 उपकरण जब्त किए गए हैं. अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने नवोदय विद्यालय समिति (NVS) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में हरियाणा से 53 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसपी (राजधानी) रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि इन अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

ईटानगर और दीमापुर जैसे दूरदराज के परीक्षा केंद्रों को बनाया निशाना

सिंह ने कहा कि परीक्षा के दौरान नकल करने के लिए जीएसएम-सक्षम गैजेट और माइक्रो इयरपीस सहित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने के आरोप में अब तक 53 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया गया है. उम्मीदवारों के पास से 29 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा स्थित एक नेटवर्क द्वारा संचालित इस सिंडिकेट ने ईटानगर और दीमापुर जैसे दूरदराज के स्थानों पर स्थित परीक्षा केंद्रों को निशाना बनाया, जिन्हें सुरक्षा खामियों का फायदा उठाने के लिए जानबूझकर चुना गया था. उन्होंने बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर किंगकप पब्लिक स्कूल में परीक्षा पूर्व तलाशी के दौरान 23 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया.

बड़ी रकम के बदले में चयन की गारंटी का वादा

उन्होंने बताया कि एक अन्य संदिग्ध को विवेकानंद केंद्र विद्यालय से पकड़ा गया. उन्होंने बताया कि जांच के बाद बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी ने बताया कि सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, आईटी अधिनियम और सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि नीति विहार और चिम्पू पुलिस थाने में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है. सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि रैकेट ने उम्मीदवारों और उनके परिवारों से संपर्क किया था और बड़ी रकम के बदले में चयन की गारंटी का वादा किया था. गिरोह ने परीक्षा केंद्रों के चयन में हेराफेरी करके अभ्यर्थियों को दूर-दराज के स्थानों पर भेज दिया, जिससे पकड़े जाने का जोखिम कम हो गया.

डिवाइस में प्रश्नपत्र का कोड बताते ही मिल जाता था उत्तर

उन्होंने बताया कि एक बार एडमिट कार्ड जारी होने के बाद अभ्यर्थियों को जीएसएम आधारित डिवाइस मुहैया कराई जाती थी और उन्हें उनके विवेकपूर्ण इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाता था. उन्होंने कहा कि परीक्षा के दिन अंडरगारमेंट्स और कानों में छिपे गैजेट्स से बाहरी संचालकों के साथ संवाद संभव हो गया. अभ्यर्थी प्रश्न-पत्र का कोड डिवाइस में फुसफुसाते थे और उत्तर तुरंत मिल जाते थे. सिंह ने कहा कि सीबीएसई को आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया गया है. प्रमुख संचालकों और बिचौलियों को पकड़ने के लिए जांच दल हरियाणा भेज दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि गंगटोक, चंडीगढ़ और शिमला में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पता चलता है कि यह एक राष्ट्रव्यापी रैकेट है.

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