यह साझेदारी राज्य की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को शामिल करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मददगार साबित होगी.
Lucknow: उत्तर प्रदेश में अब शिक्षा को नई उड़ान मिलेगी. शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार ने एक कदम और आगे बढ़कर ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया, जिसका उद्देश्य राज्य की शिक्षा प्रणाली को अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक बढ़ाना है. यह हस्ताक्षर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुआ. यह समझौता राज्य भर के बुनियादी, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों को अनुसंधान, नवाचार, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा.
वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे राज्य के युवा
इस मौके पर आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को केवल डिग्री हासिल करने के तरीके के रूप में नहीं, बल्कि राज्य के समग्र विकास के रूप में देखती है. उन्होंने कहा कि यह साझेदारी राज्य की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को शामिल करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप समझौता ज्ञापन बहुआयामी शिक्षा, कौशल विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा.
पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय के साथ राज्य के पहले के सहयोग का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोनाश विश्वविद्यालय के साथ नया गठजोड़ वैश्विक शिक्षा मानकों को पूरा करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है. आदित्यनाथ ने भारत की ज्ञान की प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डाला. उन्होंने वैदिक कहावत को याद करते हुए कहा कि दुनिया के सभी दिशाओं से महान विचार हमारे पास आएं. उन्होंने कहा कि इस तरह की साझेदारी राज्य को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाएगी.
सालाना 30 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करता है मोनाश
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने समझौता ज्ञापन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सहयोग राज्य के छात्रों और शिक्षकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक मंचों से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा. 1958 में स्थापित मोनाश विश्वविद्यालय में वर्तमान में 84 हजार से अधिक छात्र हैं और इसे दुनिया के अग्रणी शोध-आधारित संस्थानों में से एक माना जाता है. दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व शिक्षाविद और वर्तमान में मोनाश विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रोफेसर मनीषा ने समझौते को जीवन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने साझा किया कि मोनाश सालाना लगभग 30 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करता है, जिसमें अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों के शिक्षक भी शामिल हैं.
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