दोनों व्यापारिक साझेदार 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की उम्मीद कर रहे हैं.
New Delhi: अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए अमेरिकी अधिकारी अगले सप्ताह भारत आएंगे. वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल अगले सप्ताह भारत का दौरा करेगा. अमेरिकी अफसरों का यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है कि दोनों देश जून के अंत तक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमत हो सकते हैं, जिसमें भारत चाहता है कि घरेलू वस्तुओं पर 26 प्रतिशत टैरिफ से पूरी तरह छूट मिले.
व्यापार 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की उम्मीद
दोनों व्यापारिक साझेदार 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की उम्मीद कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी दल 5 या 6 जून को आ रहा है. भारत के मुख्य वार्ताकार वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन की अपनी चार दिवसीय यात्रा पूरी की. उन्होंने प्रस्तावित समझौते पर अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ बातचीत की. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी व्यापार वार्ता को गति देने के लिए पिछले सप्ताह वाशिंगटन में थे.
व्यापार सौदे पर सहमति की उम्मीद
अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया था, लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए 9 जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि, भारतीय सामान अभी भी अमेरिका द्वारा लगाए गए 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ को आकर्षित करते हैं. दोनों देशों ने इस साल की गिरावट (सितंबर-अक्टूबर) तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता समझौते के पहले चरण को समाप्त करने की समय सीमा तय की है. सूत्रों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि दोनों पक्ष पहली किस्त से पहले अंतरिम व्यापार सौदे पर सहमत हो जाएं.
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है अमेरिका
अमेरिका लगातार चौथे वर्ष 2024-25 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर था. भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और देश के कुल व्यापारिक व्यापार में 10.73 प्रतिशत है. 2023-24 में यह 35.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2022-23 में 27.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2020-21 में 22.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. दोनों व्यापारिक साझेदार देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की उम्मीद कर रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः ‘ऑपरेशन सिंदूर का कर रहे राजनीतिकरण’, PM मोदी पर बरसीं ममता, बताया क्यों रखा ये नाम
