उत्तर प्रदेश से 118, मध्य प्रदेश से 130, छत्तीसगढ़ से 96 और हरियाणा से 29 प्रतिभागी सम्मिलित हैं. चुनावों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए ये प्रशिक्षण आवश्यक है.
New Delhi: बिहार और आसाम में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने गुरुवार को 4 राज्यों के 373 चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू किया. नई दिल्ली स्थित भारतीय अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) और पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण का आठवां बैच गुरुवार को शुरू हुआ. उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश के बीएलओ व बीएलओ पर्यवेक्षकों को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने संबोधित किया..
उत्तर प्रदेश के 118 कर्मचारी ले रहे प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का अब तक का सबसे बड़ा बैच है. इसमें उत्तर प्रदेश से 118, मध्य प्रदेश से 130, छत्तीसगढ़ से 96 और हरियाणा से 29 प्रतिभागी सम्मिलित हैं. चुनाव तैयारी के क्रम में पिछले दो महीनों में चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में 3,720 से अधिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार चुनावों के संचालन के लिए ये प्रशिक्षण आवश्यक है.
बीएलओ करें मतदाताओं का सत्यापन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत डीएम/जिला कलेक्टर/कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24 (बी) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के साथ प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ पहली और दूसरी अपील के प्रावधानों से स्वंय को लैस करेंगे. उन्होंने बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को अपने क्षेत्र स्तर के सत्यापन के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों से अवगत कराने के लिए भी प्रोत्साहित किया.
ईवीएम और वीवीपैट की भी ट्रेनिंग
उल्लेखनीय है कि विशेष सारांश पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद 6-10 जनवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश से कोई अपील दायर नहीं की गई थी. प्रशिक्षण का उद्देश्य विशेष रुप से मतदाता पंजीकरण, प्रपत्र निगरानी और चुनावी प्रक्रियाओं के व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि करना है. जिससे चुनाव को सकुशल संपन्न कराया जा सके. अधिकारियों को चुनाव का पूर्वाभ्यास सहित ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
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