Ekadashi Vrat 2025: सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है. इस दिन लक्ष्मी और नारायण की पूजा की जाती है. ऐसे माना जाता है कि इस व्रत को रखने से आपके पाप नष्ट हो जाते हैं.
Ekadashi Vrat 2025: सनातन धर्म में एकादशी का बहुत खास महत्व होता है. इसका बहुत महत्व होता है. इस मौके पर भगवान शिव और लक्ष्मी नारायण की पूजी की जाती है. मनचाहा वरदान पाने के लिए और जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत को रखा जाता है. वहीं, सावन का महीना भगवान शिव को बेह प्रिय होता है. इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती को पूजा जाता है.
मनाया जाता है ये दो एकादशी
सावन के पावन महीने में कामिका और पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है. इस मौके पर भगवान शिव के साथ-साथ लक्ष्मी नारायण की भी पूजी की जाती है. इस दौरान एकादशी का व्रत रखा जाता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है. इसके साथ ही घर में सुख और शांति आती है.
यह भी पढ़ें: अगर आपके घर भी आने वाला है नन्हा मेहमान तो श्रीमद्भगवद्गीता से प्रेरित ये नाम रख सकते हैं आप
कब मनाई जाती है कामिका एकादशी?
कामिका एकादशी हर साल सावन के पावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इस शुभ अवसर पर पूजा-पाठ करने से मनचाहा फल मिलता है. इस साल ये एकादशी 20 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी जो 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर खत्म हो जाएगी. आपको बता दें कि सनातन धर्म में उदया तिथि का मान किया जाता है. इसके चलते 21 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी.
कब मनाई जाएगी पुत्रदा एकादशी?
हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दूसरे दिन सावन पुत्रदा एकादशीका पर्व मनाया जाता है. इस मौके पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चाना की जाती है. इसके साथ ही इस मौके पर लक्ष्मी नारायण की पूजा-अर्चाना के साथ व्रत भी रखा जाता है. शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर इसके शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी जो 5 अगस्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर समाप्त गो जाएगी.
यह भी पढ़ें: Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 30 मई 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग आदि
