पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और निगरानी की जाएगी. प्रधानमंत्री ने युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने का आह्वान किया.
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर यहां भगवान महावीर वनस्थली पार्क में पौधारोपण किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’अभियान का विस्तार किया. दिल्ली से गुजरात तक फैली 700 किलोमीटर लंबी अरावली पर्वत शृंखला को फिर से वनरोपण करने की विशेष पहल की शुरुआत की. एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि अरावली पर्वत शृंखला पृथ्वी पर सबसे पुरानी पर्वत शृंखलाओं में से एक है, जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली शामिल हैं.
पौधरोपण को किया जाएगा जियो टैग
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान इस पर्वत शृंखला से जुड़े क्षेत्रों का कायाकल्प करने पर है. हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे तथा जल प्रणालियों में सुधार, धूल भरी आंधी पर अंकुश लगाने, थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने जैसी चीजों पर जोर देंगे. अरावली पर्वत शृंखला और उससे आगे पारंपरिक रोपण विधियों के अलावा हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे. खासकर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहां जगह की कमी है. पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा तथा निगरानी की जाएगी. प्रधानमंत्री ने युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने और ग्रह के हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देने का आह्वान किया.
दिल्ली को इलेक्ट्रिक बसों की सौगात
मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों को भी हरी झंडी दिखाई. प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे दिल्ली के लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ भी बढ़ेगी. मोदी ने कहा कि यह पहल क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने, 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने और 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करने के भारत के जलवायु लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मोदी ने कहा कि इससे क्षेत्र में मिट्टी की उर्वरता और जल उपलब्धता में भी सुधार होगा.
1,000 नर्सरी होगी विकसित
मोदी ने कहा कि इस परियोजना से रोजगार और आय के अवसर पैदा होने से स्थानीय समुदायों को लाभ होगा. परियोजना के शुभारंभ में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी भाग लिया. अरावली पर्वतमाला में स्थित 29 जिलों में करीब 1,000 नर्सरी विकसित की जाएंगी. पांच किलोमीटर चौड़ा ग्रीन बफर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में 6.45 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा.
बफर जोन में करीब 42 प्रतिशत भूमि बंजर
कहा कि इस बफर जोन में करीब 42 प्रतिशत (2.7 मिलियन हेक्टेयर) भूमि वर्तमान में बंजर है. रेगिस्तानीकरण के खिलाफ अरावली पर्वतमाला एक प्राकृतिक अवरोध के रूप में कार्य करती है, थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है. गुरुग्राम, दिल्ली और जयपुर शहरों की रक्षा करती है. इसके वन, घास के मैदान और आर्द्रभूमि, लुप्तप्राय पौधों और पशु प्रजातियों का भरण-पोषण करते हैं.
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