उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले परिवारों ने बकरीद के मौके पर बकरे की कुर्बानी की जगह बकरे के सिंबल वाला केक काटा. इस कार्यक्रम में स्थानीय बीजेपी विधायक ने भी शिरकत की.
Bakra Eid 2025: डिजिटल होती दुनिया में अक्सर दीपावली और बकरीद पर एक बहस शुरू हो जाती है. जहां कुछ लोग दीपावली पर पर्यावरण का हवाला देते हुए बम फोड़ने से बचने की सलाह देते हैं तो वहीं कुछ लोग बकरीद के मौके पर बकरों की कुर्बानी पर ऐतराज जताते हैं. बकरीद पर बकरों की कुर्बानी का विरोध करने वाले लोग अक्सर पर्यावरण और बेजुबान जानवरों को मारे जाने पर सवाल उठाते हैं. देश में बकरीद के मौके पर अक्सर सियासत गरमाई रहती है. बढ़ती बहस के बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले परिवारों ने ऐसा तरीका खोज निकाला है कि लोग इनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में डाबर तालाब के मुस्लिम निवासियों ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता का अनूठा प्रदर्शन करते हुए पारंपरिक पशु बलि को त्यागते हुए प्रतीकात्मक बकरे से सजा केक काटकर ईद-उल-अजहा मनाई. सोशल मीडिया पर भी इसकी खबर फैली तो लोग इस अनूठी पहल की तारीफ करने लगे. अहम ये है कि स्थानीय भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर की अपील के बाद पर्यावरण के अनुकूल उत्सव का आयोजन करने का फैसला किया गया था.
विधायक नंद किशोर गुर्जर भी कार्यक्रम में हुए शामिल
इस उत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और एक छोटे से प्लास्टिक शोकेस में रखे गए छोटे बकरे वाले केक को काटा. विधायक नंद किशोर गुर्जर खुद भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और हिंदू समुदाय के कई सदस्यों के साथ एकजुटता दिखाई. इस अवसर पर बोलते हुए विधायक गुर्जर ने मुस्लिम समुदाय की पहल की सराहना की और कहा कि भविष्य में इस तरह की पहल अन्य लोगों को भी उत्साहित करेगी. विधायक ने इस दौरान कहा, “इस तरह के पर्यावरण के अनुकूल उत्सव से क्षेत्र में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सद्भाव और एकता बढ़ेगी.”
विधायक ने की मुस्लिम समुदाय की तारीफ
स्थानीय भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांप्रदायिक पहलू से परे अपनी बात कही. विधायक ने कहा, “लोनी हिंडन एयर फोर्स स्टेशन रनवे के 10 किलोमीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है, जहां जानवरों का वध प्रतिबंधित है इसलिए मुस्लिम समुदाय का यह पर्यावरण-सचेत दृष्टिकोण संवेदनशील एयरबेस के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने में भी सीधे योगदान देता है.” बता दें कि इससे पहले दिल्ली स्थिति जामा मस्जिद के इमाम ने भी लोगों से अपील करते हुए कहा था कि वो खुले में बकरों की कुर्बानी न करें.
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