Donald Trump: ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ब्रिक्स देशों को अमेरिका के खिलाफ कोई भी कदम उठाने की कीमत चुकानी होगी.
Donald Trump: रियो डी जेनेरियो में 6 जुलाई 2025 को आयोजित ब्रिक्स 2025 शिखर सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जो भी देश अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करेगा, उसे 10% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. यह बयान ब्रिक्स के 10 सदस्य देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात – द्वारा ईरान पर अमेरिका और इजरायल के हमलों की निंदा के बाद आया है. ब्रिक्स ने अपनी संयुक्त घोषणा में इन हमलों को अवैध करार दिया और वैश्विक व्यापार पर ट्रंप की टैरिफ नीतियों की भी आलोचना की.
अमेरिका के खिलाफ कोई भी कदम उठाने की कीमत चुकानी होगी: ट्रंप
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ब्रिक्स देशों को अमेरिका के खिलाफ कोई भी कदम उठाने की कीमत चुकानी होगी. अगर वे ऐसी नीतियां अपनाते हैं, जो हमारे हितों के खिलाफ हैं, तो उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा.” यह चेतावनी ट्रंप की उस पुरानी धमकी का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ की बात कही थी, अगर वे अमेरिकी डॉलर को वैश्विक व्यापार में चुनौती देने की कोशिश करते हैं.
ब्रिक्स में किन मुद्दों पर हुई चर्चा
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानदंडों पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है और वैश्विक दक्षिण को इसके खिलाफ एकजुट होना होगा. ब्रिक्स ने अपनी घोषणा में ईरान पर अमेरिका और इजरायल के हमलों को “अवैध और अनुचित” बताया, जिसे ट्रंप ने व्यक्तिगत चुनौती के रूप में लिया.
भारत ने ब्रिक्स में डी-डॉलराइजेशन का समर्थन नहीं किया
ट्रंप की इस धमकी का भारत पर सीधा असर पड़ सकता है. भारत ने ब्रिक्स में डी-डॉलराइजेशन का समर्थन नहीं किया है, जैसा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया था. फिर भी, भारत का रूस के साथ तेल व्यापार और गैर-डॉलर लेनदेन बढ़ाने की कोशिश ट्रंप प्रशासन के निशाने पर आ सकती है. भारत ने अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे ऑटो पार्ट्स पर “जीरो-फॉर-जीरो” टैरिफ प्रस्ताव और अमेरिकी इथेन पर आयात शुल्क हटाने की पेशकश.
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की 10% टैरिफ की धमकी भारत जैसे देशों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसका असर सीमित होगा, क्योंकि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष कम है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी स्थानीय मुद्रा व्यापार प्रणाली को और मजबूत करना चाहिए.
ये भी पढ़ें..पाकिस्तान को जोरदार झटका, SQUAD के बाद BRICS में हुई पहलगाम आंतकी हमले की निंदा
