Home Latest News & Updates कानून-व्यवस्था पर पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का जमकर हंगामा, व्यापारी संजय की हत्या का उठा मुद्दा

कानून-व्यवस्था पर पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का जमकर हंगामा, व्यापारी संजय की हत्या का उठा मुद्दा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Punjab Assembly

कांग्रेस विधायकों के अपनी सीटों पर वापस आने के बाद कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कांग्रेस नेता बाजवा के बीच गरमागरम बहस शुरू हो गई. आप नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गैंगस्टरों को संरक्षण दिया है.

Chandigarh: पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायकों ने राज्य में कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए हंगामा किया और सुनवाई न होने पर सदन से बाहर चले गए. कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में जमकर हंगामा किया. कांग्रेसियों ने सदन में अबोहर के व्यापारी हत्याकांड का मुद्दा उठाया और इसे लेकर सदन का बहिष्कार किया. विशेष सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सात जुलाई को अबोहर में तीन हमलावरों द्वारा व्यापारी संजय वर्मा की हत्या का मुद्दा उठाया और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.

कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता के बीच जमकर बहस

कांग्रेस नेता बाजवा से स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि उन्हें अपने मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. स्पीकर ने कहा कि चूंकि यह विशेष सत्र है, इसलिए शून्यकाल नहीं है. इसके बाद बाजवा और पार्टी के अन्य विधायक राज्य में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सदन के वेल में आ गए. इस बीच स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की सिफारिश के बाद चालू सत्र को दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. कांग्रेस विधायकों के अपनी सीटों पर वापस आने के बाद कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कांग्रेस नेता बाजवा के बीच गरमागरम बहस शुरू हो गई, जब आप नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कथित तौर पर गैंगस्टरों को संरक्षण दिया है.

कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए

बाजवा ने आरोप लगाया कि उन्हें चीमा के आरोपों का जवाब देने की अनुमति नहीं दी गई. वह अन्य विधायकों के साथ फिर से वेल में पहुंच गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए. स्पीकर ने प्रदर्शनकारी कांग्रेस विधायकों से पूछा कि क्या उन्हें बीएसी की सिफारिशों के बारे में कुछ कहना है. हालांकि, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और सदन से बहिर्गमन कर गए. पंजाब के मंत्री बरिंदर गोयल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रबंधित बांधों पर सीआईएसएफ कर्मियों को तैनात करने के केंद्र के कदम के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया.

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