Home Religious सावधान! अगर आप भी करने वाले हैं कांवड़ यात्रा, तो ना करें ये 8 गलतियां, नहीं मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

सावधान! अगर आप भी करने वाले हैं कांवड़ यात्रा, तो ना करें ये 8 गलतियां, नहीं मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

by Jiya Kaushik
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Sawan 2025: नियमों की अनदेखी से हो सकती है यात्रा खंडित, जानें किन बातों का रखें ध्यान. यदि आप इन नियमों का पालन श्रद्धा से करते हैं, तो न केवल आपकी यात्रा सफल होगी, बल्कि भोलेनाथ की असीम कृपा भी प्राप्त होगी.

Sawan 2025: सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से होने जा रही है. यह महीना शिवभक्तों के लिए आस्था, तपस्या और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलेंगे और पवित्र नदियों से गंगाजल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे. लेकिन शिवभक्ति में लीन होकर अगर आपने कुछ जरूरी नियमों की अनदेखी कर दी, तो यह यात्रा अधूरी रह सकती है और आपको भोलेनाथ की कृपा प्राप्त नहीं होगी. ऐसे में जरूरी है कि आप इन नियमों को न सिर्फ जानें बल्कि सच्ची श्रद्धा और पवित्रता के साथ उनका पालन करें.

कांवड़ यात्रा में इन बातों का जरूर रखें ध्यान

भक्ति में रखें मन, वचन और कर्म की शुद्धता

कांवड़ यात्रा का मूल भाव ही शिवभक्ति है. इसलिए यात्रा के दौरान आपके मन में किसी के लिए द्वेष, गुस्सा या घृणा न हो. अपने शब्दों और कर्मों से किसी को आहत ना करें.

पवित्रता रखें

कांवड़ यात्रा केवल शारीरिक यात्रा नहीं बल्कि आध्यात्मिक साधना भी है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और मन को शांत, संयमित रखें. अपवित्र विचारों से दूरी बनाएं.

कांवड़ को कभी भी जमीन पर ना रखें

अगर यात्रा के दौरान आपको रुकना पड़े, विशेषकर शौच या आराम के लिए, तो ध्यान रखें कि कांवड़ को सीधे ज़मीन पर न रखें. उसे स्टैंड, पेड़ या किसी ऊंचे स्थान पर रखें. यह शिवजी का अनादर माना जाता है.

तामसिक भोजन से करें परहेज

कांवड़ यात्रा के दौरान मांस, मछली, अंडा, प्याज, लहसुन, बीड़ी, सिगरेट जैसी वस्तुओं का सेवन पूरी तरह वर्जित है. शुद्ध सात्विक भोजन ही करें.

नशे से करें परहेज

कुछ लोग भक्ति के नाम पर भांग या अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते हैं, जो पूरी तरह अनुचित है. यह यात्रा एक आध्यात्मिक अनुशासन है, न कि मौज-मस्ती का जरिया.

स्वयं को समर्पित करें महाकाल को

पूरी यात्रा के दौरान यह भावना रखें कि आप भोलेनाथ के दास हैं और यह यात्रा केवल उनकी सेवा और पूजा के लिए है. अहंकार या दिखावा ना करें.

किसी भी जीव को ना दें कष्ट

यात्रा के दौरान अगर आप किसी जानवर या इंसान को कष्ट पहुंचाते हैं, मारते या प्रताड़ित करते हैं, तो यह पूरी भक्ति निष्फल हो जाती है. शिवजी करुणा के प्रतीक हैं.

साफ वस्त्र पहनें, स्नान करके करें शुरुआत

हर दिन यात्रा पर निकलने से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने शरीर और मन दोनों को पवित्र बनाए रखें.

यह भी पढ़ें: Belpatra Rules in Sawan: सावन में बेलपत्र चढ़ाते वक्त न करें ये गलतियां, नहीं तो आपकी पूजा रह जाएगी अधूरी

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