Sawan Pradosh Vrat 2025: 22 जुलाई 2025 को पड़ने वाला सावन भौम प्रदोष व्रत एक अत्यंत शुभ अवसर है जब भक्त शिव और हनुमान दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त कर सकते हैं.
Sawan Pradosh Vrat 2025: सावन माह में पड़ने वाला प्रदोष व्रत अपने आप में विशेष महत्व रखता है, लेकिन जब यह व्रत मंगलवार को हो, तब इसका आध्यात्मिक प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है. 22 जुलाई 2025 को सावन का भौम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. इस दिन शिवजी और हनुमान जी दोनों की पूजा का दुर्लभ योग बना है, जो भक्तों को दोगुना पुण्य और कल्याणकारी फल देने वाला माना गया है. इस संयोग को शास्त्रों में अत्यंत शुभ और चमत्कारिक माना गया है.
भौम प्रदोष व्रत का महत्व और तिथि का संयोग
प्रदोष व्रत हर माह शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन जब यह तिथि मंगलवार को आती है, तो उसे भौम प्रदोष कहा जाता है. भौम यानी मंगल, जो हनुमान जी के अधिदेवता माने जाते हैं, वहीं सावन माह शिव पूजन के लिए सर्वोत्तम होता है. इस दिन का संयोजन शिव और हनुमान जी दोनों की आराधना के लिए विशेष माना जाता है.

आर्थिक परेशानियों से मिलती है मुक्ति
मंगलवार को भौम प्रदोष का व्रत रखने से व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं. मान्यता है कि इस दिन शिवजी की आराधना के साथ हनुमान जी को सिंदूर, चोला और गुड़ चढ़ाने से धन संबंधित बाधाएं शांत होती हैं और घर में समृद्धि आती है.
स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद
पुराणों के अनुसार भौम प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और रोग बाधाएं दूर होती हैं. यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो लंबे समय से बीमारी या शारीरिक कष्टों से परेशान हैं. शिवजी की जलाभिषेक के साथ-साथ व्रतधारियों को दीर्घायु का वरदान भी प्राप्त होता है.
दांपत्य जीवन में आती है मधुरता
सावन भौम प्रदोष व्रत दांपत्य जीवन में सुख और प्रेम बढ़ाने वाला माना जाता है. विवाहित स्त्री-पुरुष यदि इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करें, तो उनके रिश्ते में मधुरता आती है और पारिवारिक जीवन खुशहाल होता है. संतान सुख की कामना रखने वाले दंपत्तियों को भी यह व्रत करना अत्यंत फलदायी बताया गया है.
शत्रु बाधाओं से मिलती है राहत
जो लोग शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी, या किसी मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह दिन विशेष सुरक्षा कवच का कार्य करता है. शिवजी और हनुमान जी की संयुक्त आराधना शत्रुओं के प्रभाव को निष्क्रिय करती है और मन में साहस व स्थिरता का संचार करती है.
भक्तों को मिलती है आत्मिक शांति और पुण्यफल
सावन माह का भौम प्रदोष व्रत व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करता है. भक्त इस दिन उपवास रखकर शिव तांडव स्तोत्र, हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय जाप का पाठ करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति, आध्यात्मिक उत्थान और पुण्य की प्राप्ति होती है.
22 जुलाई 2025 को पड़ने वाला सावन भौम प्रदोष व्रत एक अत्यंत शुभ अवसर है जब भक्त शिव और हनुमान दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त कर सकते हैं. यह दिन ना केवल धर्म और भक्ति का पर्व है, बल्कि यह जीवन के विविध क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य, धन, परिवार और मनोबल में शुभ परिवर्तन लाने का संयोग लेकर आता है. ऐसे में व्रत और पूजन के साथ भक्त यदि सच्चे भाव से अर्चना करें तो उन्हें मनोवांछित फल अवश्य प्राप्त होंगे.
यह भी पढ़ें: Sawan 2025: सावन में चांदी का नंदी लाना शुभ या अशुभ? जानिए धार्मिक मान्यता और सही तरीका
