Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में कृषि मंत्री की तरफ से सदन में ऑनलाइन रमी खेलने का मामला शांत नहीं हो रहा है. इसी बीच वह एक और बयान देकर विवादों में आ गए हैं.
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र विधानपरिषद में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) रमी खेलने के मामले में फंसते ही जा रहे हैं. एनसपीसी (शरद पवार) के विधायक ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वह मोबाइल में रमी खेलते हुए नजर आ रहे थे. इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. विपक्ष भी अब उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है और इसके कारण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष ने उनसे पूछा कि क्या उनमें कोकाटे को बर्खास्त करने का साहस नहीं है. बता दें कि कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मालिकराव कोकाटे उस समय विवादों में घिर गए जब पिछले हफ्ते कथित तौर पर उन्हें ऑनलाइन कार्ड गेम खेलने का वीडियो वायरल हुआ था.
फडणवीस सरकार में मंत्री नमूने?
वहीं, कृषि मंत्री ने मंगलवार को विधान परिषद में अपने फोन पर रमी खेलने के विपक्ष के दावों का खंडन कर दिया. इसी बीच किसानों पर अपनी पिछली टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देने की कोशिश करते हुए सरकार को भिखारी कहकर एक और विवादों में पड़ गए. इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि क्या देवेंद्र फडणवीस में कोकाटे को उनकी संवेदनशील और बेशर्मी भरी टिप्पणी के लिए कैबिनेट से बर्खास्त करने का साहस नहीं है. साथ ही सपकाल ने एक बयान में कहा कि अगर मंत्री खुद ही कह रहे हैं कि सरकार भिखारी है तो यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है. महाराष्ट्र की एक समृद्ध राजनीतिक परंपरा और संस्कृति है. उन्होंने आगे कहा कि क्या फडणवीस सरकार ने राज्य की विरासत को बर्बाद करने का बीड़ा उठा लिया है? उन्होंने बताया कि फडणवीस के मंत्रिमंडल के मंत्री दुर्लभ नमूनों का एक संग्रह हैं, हर एक व्यक्ति अपने आप में एक रत्न है. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने अब सारी हदें पार कर दी हैं.
सरकार को बताया भिखारी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को भिखारी बताकर उन्होंने घोर असंवेदनशीलता दिखाई है और विपक्षी दल के नेता ने कोकाटे मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही कोकाटे जैसे लोगों को एक मिनट भी मंत्री पद पर नहीं रखना चाहिए. इसके बाद भी मुख्यमंत्री उनका लगातार समर्थन कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं और बेमौसम की बारिश से परेशान होने की वजह से वह सरकार का दरवाजा खटखटा रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. राज्य में कृषि उत्पादों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, कर्जमाफी का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है और कुछ क्षेत्रों में फसल खराब होने के कारण दोबारा बुवाई का संकट है.
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