यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के खिलाफ यूक्रेन के लोग सड़कों पर उतरें हैं. दरअसल, लोग नए भ्रष्टाचार विरोधी कानून का विरोध कर रहे हैं.
Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, यूक्रेन में नए भ्रष्टाचार विरोधी कानून के विरोध में जेलेंस्की को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेनी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एक ऐसे कानून के खिलाफ और अधिक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह देश के भ्रष्टाचार विरोधी निगरानीकर्ताओं को कमजोर करता है. यह तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के बाद देश की सरकार के खिलाफ पहला बड़ा प्रदर्शन था. अहम ये है कि इस कानून की यूरोपीय संघ के अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों ने भी कड़ी आलोचना की है.
वोलोडिमीर जेलेंस्की ने बुलाई बैठक
राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की, जो युद्ध के इस महत्वपूर्ण समय में अपने जन समर्थन को खतरे में डालने वाले इस बदलाव के दबाव में थे, ने संसद द्वारा पारित नए कानून को मंजूरी देने के अपने फैसले के खिलाफ उठे विरोध के जवाब में बुधवार सुबह यूक्रेन की प्रमुख भ्रष्टाचार विरोधी और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक बुलाई. बैठक के बाद जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर लिखा, “हम सब सुनते हैं कि समाज क्या कहता है.” लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई के लिए नए कानून की जरूरत है. यूक्रेनी नेता ने कहा, “आपराधिक मामलों को बिना फैसले के सालों तक नहीं खींचा जाना चाहिए, और यूक्रेन के खिलाफ काम करने वालों को सजा से मुक्त या सुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए. सभी सरकारी एजेंसियां रचनात्मक रूप से काम करने और निष्पक्षता एवं प्रभावशीलता के लिए जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने पर सहमत हैं उन्होंने कहा कि संस्थागत कमजोर को दूर करने, कानूनी बाधाओं को दूर करने और सभी क्षेत्रों में न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक विस्तृत संयुक्त कार्य योजना दो हफ्तों के भीतर तैयार होने की उम्मीद है.”
विरोध की असली वजह क्या है?
मंगलवार शाम को हजारों लोग राजधानी और यूक्रेन के अन्य शहरों में जेलेंस्की से विवादास्पद विधेयक पर वीटो लगाने का आग्रह करने के लिए एकत्रित हुए. जेलेंस्की द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के बाद, कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर बुधवार रात 8 बजे कीव के मध्य में एक और प्रदर्शन का आह्वान किया. यह विधेयक दो प्रमुख भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंसियों पर सरकारी निगरानी को कड़ा करता है. आलोचकों का कहना है कि यह कदम उन एजेंसियों की स्वतंत्रता को काफी कमजोर कर सकता है और जेलेंस्की के गुट को जांच पर ज्यादा प्रभाव दे सकता है.
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