Indian Visa For Chinese Citizens: भारत और चीन के रिश्ते में शहद घूलने लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि 5 साल के बाद भारत सरकार की ओर से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर शुरू करने का एलान कर दिया है.
Indian Visa For Chinese Citizens: भारत और चीन के बीच रिश्ते क्या सही होते नजर आ रहे है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि करीब 5 साल के बाद से भारत सरकार की ओर से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर से शुरू करने का एलान कर दिया है. साल 2020 में करोना महामारी के चलते और इसके रोकथाम के लिए भारत ने चीनी नागरिकों के टूरिस्ट वीजा को अमान्य घोषित कर दिया था. इसके बाद से करीब 5 साल के बाद चीनी नागरिकों के टूरिस्ट वीजा की सुविधा को शुरू किया जा रहा है. चीन में मौजूद भारतीय दूतावास की ओर से आवेदन के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है.
आवेदन के लिए गाइडलाइन जारी
भारतीय दूतावास की ओर से जारी गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया है कि बीजिंग में स्थित भारतीय वीजा केंद्र में पासपोर्ट वापसी के लिए आवेदन करने पर एक विधिवत ‘पासपोर्ट विदड्रॉल लेटर’ अनिवार्य है. गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी और जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच यात्रा और संपर्क दोनों ही ठप हो गए थे. हालांकि, बीते सालों में चीन ने भारतीय छात्रों और व्यापारियों को वीजा देना शुरू किया, लेकिन आम यात्रा पर पाबंदियां बनी रहीं.
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गलवान घाटी के हमले के बाद हालात खराब
बता दें कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी के बाद से संबंध और ज्यादा खराब हो गए थे. साल 1962 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच के संबंध बेहद खराब हालात में पहुंच गए थे. लेकिन इसके बाद से कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए पैंगोंग झील, गलवान और हॉट स्प्रिंग्स जैसे कई तनावग्रस्त इलाकों से सेनाएं पीछे हट गई थी.
संपर्क बढ़ाना चाहते हैं दोनों देश
यहां पर आपको बता दें कि दोनों ही देश लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और चाहते हैं कि लोग एक-दूसरे से मिले. इसके लिए सीधी उड़ानें शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की योजना है. ये यात्रा भी कोविड की वजह से बंद हो गई थी. इसे लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि भारत-चीन के रिश्ते धीरे-धीरे सही दिशा में जा रहे हैं.
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