कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई.
Congress and NSUI workers protest in Patna: कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को बिहार विधानसभा तक मार्च करने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया. ये कार्यकर्ता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित कई मुद्दों को उठाने के लिए मार्च निकाल रहे थे जिन्हें रोकने और तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुलूस ऐतिहासिक सदाकत आश्रम, बीपीसीसी मुख्यालय से शुरू हुआ और “प्रतिबंधित क्षेत्र” में प्रवेश रोकने के लिए इसे मुश्किल से आधा किलोमीटर दूर राजा पुल चौराहे पर रोक दिया गया.
राजा पुल चौराहे पर बैरिकेड्स लगाए
पटना मध्य की एसपी दीक्षा ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, “हमने राजा पुल चौराहे पर बैरिकेड्स लगा दिए थे क्योंकि हमें पता था कि एक जुलूस आ रहा है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की और इस दौरान हुई हाथापाई में कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं. आखिरकार, हमें उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है और एक प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.” इससे पहले, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, जो वर्तमान विधायक भी हैं, ने सदाकत आश्रम से मार्च निकालते हुए पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा, “हम सदन से सड़क तक सर का विरोध कर रहे हैं. परसों चुनाव आयोग ने 35 लाख मतदाताओं के नाम गलत तरीके से काट दिए. अभी तक, 98 लाख मतदाता मतदाता सूची में अपना नाम नहीं ढूंढ पा रहे हैं. जैसा कि संदेह था, यह कवायद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को लाभ पहुंचाने के लिए लोगों को गलत तरीके से मताधिकार से वंचित करने की एक चाल साबित हो रही है.”
क्या बोले कांग्रेस नेता?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, “युवाओं से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन्हें एनएसयूआई उजागर करना चाहता है. इनमें बेरोजगारी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है, और प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान प्रश्नपत्र लीक होना शामिल है. हम विधानसभा मार्च के माध्यम से ऐसे सभी मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.” 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 19 सदस्यों के साथ, कांग्रेस, राजद के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है. यहां विपक्षी गठबंधन में तीन वामपंथी दल, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई (एम) और सीपीआई भी शामिल हैं. बता दें कि संसद के दोनों सदनों में भी विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है.
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