Home Top News Delhi: तेज रफ्तार का कहर! द्वारका में नाबालिग ने पिता की कार से ई-रिक्शा ड्राइवर को रौंदा, मौत

Delhi: तेज रफ्तार का कहर! द्वारका में नाबालिग ने पिता की कार से ई-रिक्शा ड्राइवर को रौंदा, मौत

by Vikas Kumar
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Car Accident

दिल्ली के द्वारका में एक नाबालिग की कार से ई-रिक्शा ड्राइवर की मौत की खबर है. पुलिस ने बताया कि अब इस घटना में नाबालिग के पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Delhi Car Accident: दिल्ली के द्वारका में तेज रफ्तार कहर देखने को मिला है. पुलिस ने शनिवार को बताया कि साउथ-वेस्ट दिल्ली के द्वारका में एक 16 वर्षीय लड़के द्वारा चलाई जा रही कार ने ई-रिक्शा ड्राइवर के तिपहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. ये घटना शुक्रवार सुबह करीब 11.15 बजे द्वारका नाला रोड की बताई जा रही है. एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि नाबालिग अपनी छोटी बहन के साथ था. उन्होंने बताया कि कंट्रोल खोने के बाद कार पलट गई और सामने से आ रहे एक ई-रिक्शा से टकरा गई, जिससे उसका 40 वर्षीय ड्राइवर, जो नजफगढ़ का रहने वाला था, गंभीर रूप से घायल हो गया. आनन-फानन में पीड़ित को पास के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सिर में गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई.

‘तेज थी कार की स्पीड’

पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि कार तेज गति से चल रही थी और रिक्शा से टकराने से पहले पलट गई. पुलिस ने बताया कि लड़के के पिता की प्राइवेट कार बिना लाइसेंस के चलाई जा रही थी. अधिकारी ने बताया कि नाबालिग ने बिना अनुमति के कार निकाली थी. उन्होंने कहा, “दुर्घटना के कारण कार सड़क के एक तरफ पलट गई, जबकि ई-रिक्शा दूसरी तरफ तिरछा होकर रुक गया. फॉरेंसिक क्राइम टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और आगे की जांच के लिए दोनों वाहनों को जब्त कर लिया गया है.”

कई धाराओं में मामला दर्ज

पुलिस ने बताया कि बीएनएस की धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से गाड़ी चलाना), 125 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 106 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, “जांच जारी है. चूंकि लड़का नाबालिग है, इसलिए उसे कार चलाने की अनुमति देने के लिए उसके पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

क्या है कानून?

भारत में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत गैरकानूनी है. भारतीय बहुमत अधिनियम, 1875 के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति नाबालिग माना जाता है. नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर माता-पिता या अभिभावक को 25,000 रुपये जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है. नाबालिग को 25 वर्ष की आयु तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सकता, और वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द हो सकता है.

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