Home Top News Stampede: हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भगदड़; अब तक 8 की मौत, 30 घायल, जांच के आदेश

Stampede: हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भगदड़; अब तक 8 की मौत, 30 घायल, जांच के आदेश

by Jiya Kaushik
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Stampede at the Mansa Devi temple:

Stampede at Mansa Devi: मनसा देवी मंदिर हादसा एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन की गंभीर कमी को उजागर करता है. यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हो, इसके लिए प्रशासन को पहले से बेहतर योजना और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी.

Stampede at Mansa Devi: हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई. इस हादसे में 8 लोगों की जान चली गई और 30 घायल हो गए. हादसे के पीछे बिजली के करंट की अफवाह को वजह बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं और मृतकों के परिजनों को 2 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की है.

बिजली करंट की अफवाह बनी हादसे की वजह

रविवार सुबह करीब 9 बजे मंदिर की सीढ़ियों के नीचे तब भगदड़ मची, जब लोगों के बीच यह अफवाह फैल गई कि वहां करंट फैल गया है. हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने बताया कि इस अफवाह ने श्रद्धालुओं में अचानक घबराहट फैला दी और अफरा-तफरी मच गई. उत्तराखंड-राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पुष्टि की कि हादसे में 8 लोगों की मौत हुई है और 30 लोग घायल हुए हैं. कुछ श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है, जिन्हें घायल सूची में शामिल नहीं किया गया है.

मुख्यमंत्री ने किया घटनास्थल पर दौरा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया और परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा,”एक अफवाह के चलते भगदड़ मची है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” घटना की जांच हरिद्वार के अपर जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है, जो 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय सुझाएंगे.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त किया. राष्ट्रपति ने X पर लिखा, “हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ में अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है.” वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “जो अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों. प्रशासन प्रभावितों की हरसंभव मदद कर रहा है.”

AIIMS में भेजे गए गंभीर घायल

आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पांच गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया है. हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अरूष (12), विपिन सैनी (18), शकाल देव (18), विक्की (18), विशाल (19), वकील (43), शांति (60) और राम भरोसे (65) के रूप में हुई है. ये सभी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार से थे.

प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाया दर्दनाक मंजर

घायल श्रद्धालु निर्मला ने बताया, “भीड़ ऊपर जा रही थी, कुछ नीचे आ रहे थे, अचानक धक्का-मुक्की होने लगी और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. कुछ दिख नहीं रहा था. मैं नीचे गिर गई और वहीं पड़ी रही.” स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने पहले से भीड़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त व्यवस्था की होती, तो यह हादसा टल सकता था.

श्रद्धालुओं से ठसाठस भरा हुआ था रास्ता

घटना के वीडियो में देखा गया कि मंदिर के संकरे रास्ते पर महिलाएं, पुरुष और बच्चे एक-दूसरे से चिपके खड़े थे. कुछ श्रद्धालु बच्चों को अपने सिर के ऊपर उठाए हुए थे ताकि भीड़ में उनका दम न घुटे. मंदिर शिखर पर शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित है, जहां रविवार को भारी भीड़ उमड़ी थी. यह मंदिर हरिद्वार के पंच तीर्थों में से एक माना जाता है.

हादसे पर DM का आया बयान

हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि हादसे की प्राथमिक वजह मंदिर की सीढ़ियों के पास फैली करंट की अफवाह थी, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सच्चाई स्पष्ट होगी. बचाव दल झाड़ियों और रास्ते के किनारे भी खोज अभियान चला रहे हैं ताकि कोई और पीड़ित छूट न जाए.

यह भी पढ़ें: मनसा देवी: धार्मिक आयोजन की भगदड़ में शामिल हुई एक और नई घटना; जानें कब-कब हुए ऐसे हादसे

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