6 years of repeal of Article 370: जम्मू-कश्मीर को 6 साल पहले केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी थी. 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 हटा दिया गया था.
6 years of repeal of Article 370: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के 6 साल पूरे हो गए हैं. ये कदम जम्मू और कश्मीर में शासन, बुनियादी ढांचे और नागरिक भागीदारी में बड़ा बदलाव लेकर आया. अब एक बार फिर इस बात की चर्चा हो रही है कि 5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और फिर कुछ ही देर बाद गृहमंत्री अमित शाह भी राष्ट्रपति से मिलने पहुंच गए. इसके साथ ही 4 अगस्त को पूरे दिन बैठकों का दौर जारी रहा, जिसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि सरकार 5 अगस्त, 2025 को कुछ खास कर सकती है. हालांकि, इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
क्या आर्टिकल 370 का इतिहास?
अंग्रेज भारत से जाते-जाते भी एक बड़ा झगड़ा लगा दिया था. सरदार पटेल और पंडित नेहरू की राजनीतिक-कूटनीतिक समय के साथ रियासते भारत के साथ जुड़ती गई. लेकिन मामला फिर भी अटक गया. धरती का स्वर्ग कहे जाना वाला जम्मू-कश्मीर को लेकर सदियों तक बड़ा हंगामा हुआ है. पाकिस्तान के पास स्थित जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने अंतिम दम तक अपनी रियासत को स्वतंत्र देश बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन मुस्लिम बहुल कश्मीर पर पाकिस्तान की गंदी नजर बनी रही. फिर पाक सेना ने कश्मीर पर हमला बोल दिया. जब राज हाथ से जाता दिखाई दिया तो हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी. मदद के लिए भारत ने एक शर्त रखी और कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत में शामिल हो जाए, जिसपर हरि सिंह ने सहमति जताई. फिर जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना. लेकिन धारा 370 की वजह से जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला रहा.
नहीं लागू होते थे नियम
आर्टिकल 370 की वजह से भारत का भाग होने के बावजूद जम्मू कश्मीर में भारत के कई कानून लागू नहीं होते थे. फिर साल 2019 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी बार सत्ता में आए तो केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को दिए धारा 370 को खत्म कर दिया, जिसे आज पूरे 6 साल हो गए हैं.

5 अगस्त, 2019 को हटा धारा
जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 खत्म हो गया था. इस कदम के बाद से जम्मू और कश्मीर में कई बदलाव हुए जिनमें शासन, बुनियादी ढांचे और नागरिक भागीदारी शामिल है. इस फैसले से राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किया गया और उसे पूरी तरह भारतीय संविधान के ढांचे में शामिल किया गया.
धारा हटने के बाद हुए चुनाव
धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हुई है. परिसीमन की प्रक्रिया को पूरी करने के बाद से विधानसभा चुनाव भी हुए. धारा खत्म होने के बाद से पंचायत चुनावों में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ. साल 2020 में जिला विकास परिषद चुनाव पहला बड़ा कदम था. वहीं, साल 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक भागीदारी को और मजबूत किया, जिसमें दक्षिण कश्मीर के उभरते सरपंचों समेत युवाओं और महिलाओं की बेहतरीन भागीदारी रही.
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IIT मेडिकल कॉलेज शुरू

इसके साथ ही धारा के खत्म होने के बाद शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है. IIT जम्मू, एम्स अवंतीपोरा जिसकी इस साल शुरू होने की उम्मीद है और रियासी में मेडिकल कॉलेज से शिक्षा का दायरा बड़ा हो रहा है. दूरदराज के क्षेत्रों से UPSC क्वालिफायर भी निकले और जॉब फेयर ने स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा मिला है.
दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज बना
धारा हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कई विकास कार्य हुए हैं. इनमें चिनाब ब्रिज भी शामिल है. ये दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज है जिसकी ऊंचाई कुल 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा बड़ा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील से बना आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि भूकंप और तेज हवाओं का इसपर कोई असर न पड़े.
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