जनवरी से छात्रावासों में चार छात्रों की संदिग्ध आत्महत्याओं के मद्देनजर आईआईटी-खड़गपुर ने छात्रों के कल्याण और उनके मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के लिए एक डीन की नियुक्ति की है.
Suicide in IIT Kharagpur: IIT खड़गपुर (Kharagpur) में छात्रों के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामले को देखते हुए IIT प्रशासन ने ‘छात्र कल्याण डीन’ का नया पद सजित किया है. यह पहली बार है कि देश के किसी संस्थान में ‘छात्र कल्याण डीन’ का ऐसा पद सृजित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्र कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनकी भलाई को ध्यान में रखना है. जनवरी से छात्रावासों में चार छात्रों की संदिग्ध आत्महत्याओं के मद्देनजर आईआईटी-खड़गपुर ने छात्रों के कल्याण की पूरी तरह से देखभाल करने और उनके मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के लिए एक डीन की नियुक्ति की है. इस संबंध में निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शनिवार को पीटीआई को बताया कि वायुमंडल और भूमि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती को छात्रों के कल्याण के डीन के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है.
पहली बार देश के किसी संस्थान में यह पद सृजित
निदेशक ने कहा कि अरुण चक्रवर्ती बीटेक पाठ्यक्रम के लिए नए छात्रों के लिए प्रेरण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल हैं और उनके मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. निदेशक ने कहा कि हालांकि अन्य संस्थानों की तरह आईआईटी खड़गपुर में भी वर्षों से छात्र मामलों के डीन हैं. हमने छात्रों के कल्याण, उनके समग्र विकास और किसी भी स्थिति में उनकी सहायता करने के लिए पूरी तरह से यह नया पद बनाया है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह संभवतः पहली बार है कि देश के किसी संस्थान में ‘छात्र कल्याण के डीन’ का ऐसा पद सृजित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्र कल्याण को ध्यान में रखते हुए, छात्र मामलों के डीन के मौजूदा पद के अतिरिक्त, छात्रों की भलाई को ध्यान में रखना है. छात्र मामलों के डीन तो होते ही हैं, लेकिन निदेशक ने बताया कि ‘छात्र मामले’ और ‘छात्र कल्याण’ अलग-अलग शब्द हैं. छात्र मामलों के डीन का संबंध प्रशासनिक और शैक्षणिक मुद्दों से अधिक होता है, जबकि छात्र कल्याण के डीन का ध्यान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या यह पद (औपचारिक आधिकारिक अधिसूचना के साथ) सात महीनों में परिसर में चार छात्रों की कथित आत्महत्या के बाद सृजित किया गया है.
21 छात्रावासों में रहते हैं 16,000 छात्र
निदेशक ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे किसी भी बच्चे को अतिरिक्त दबाव और तनाव का सामना न करना पड़े. उन्होंने आगे कहा कि पहले जब छात्र आईआईटी-खड़गपुर में दाखिला लेते थे, तो उनके माता-पिता आश्वस्त रहते थे कि उनकी शैक्षणिक प्रगति, इंटर्नशिप और पाठ्येतर गतिविधियों में उनकी भागीदारी का ध्यान रखा जाएगा. अब संस्थान उसी उत्साह के साथ कार्यक्रमों को चला रहा है. लेकिन सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव के साथ, छात्रों की मानसिक स्थिति भी बदल गई है. उन्होंने कहा कि मैं पहले से ही अभिभावकों से बात कर रहा हूं ताकि छात्रों को अतिरिक्त तनाव न हो. हम हर स्थिति में हमेशा उनके साथ हैं. चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रितम मंडल 18 जुलाई को अपने छात्रावास के कमरे में लटके पाए गए थे, जबकि जनवरी से अब तक तीन अन्य छात्र भी ऐसी ही परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. आईआईटी-खड़गपुर में 21 छात्रावास हैं जिनमें 16,000 छात्र रहते हैं.
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