Home शिक्षा CBSE लाएगा ‘भारतीय गणित परंपरा’ पर विशेष ग्रंथ, प्राचीन से आधुनिक युग तक के योगदान का होगा दस्तावेज

CBSE लाएगा ‘भारतीय गणित परंपरा’ पर विशेष ग्रंथ, प्राचीन से आधुनिक युग तक के योगदान का होगा दस्तावेज

by Jiya Kaushik
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CBSE will bring a special book

CBSE will bring a special book: सीबीएसई का यह प्रयास न केवल भारतीय गणितीय विरासत को सहेजने का कार्य करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को यह प्रेरणा भी देगा कि उनके देश की वैज्ञानिक और बौद्धिक जड़ें कितनी गहरी और समृद्ध हैं.

CBSE will bring a special book: भारतीय गणित ने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के ज्ञान-विज्ञान को दिशा दी है. शून्य की खोज से लेकर खगोलशास्त्र, वास्तुकला और वाणिज्य तक, हमारी गणितीय परंपरा अद्वितीय रही है. अब सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) इन गौरवशाली योगदानों को एक ही मंच पर लाने के लिए एक प्रामाणिक मोनोग्राफ “भारतीय गणित परंपरा” तैयार करने जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध शैक्षणिक धरोहर बनेगा.

गणितीय योगदान का दस्तावेजीकरण

सीबीएसई ने हाल ही में हुई अपनी गवर्निंग बॉडी बैठक में 150 से 175 पन्नों के इस मोनोग्राफ को मंजूरी दी है. इस ग्रंथ में प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत के प्रमुख गणितीय आविष्कारों, शोधों और विचारधाराओं का विस्तृत विवरण होगा. यह पहल नई शिक्षा नीति के उस उद्देश्य से जुड़ी है, जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल करने और सांस्कृतिक रूप से जड़े, वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक शैक्षणिक संसाधन विकसित करने पर जोर दिया गया है.

स्रोत, श्लोक और प्रामाणिक प्रमाण

इस मोनोग्राफ में मूल संस्कृत श्लोकों के अनुवाद, स्रोत संदर्भ और ऐतिहासिक प्रमाण भी शामिल होंगे ताकि प्रस्तुत सामग्री पूरी तरह प्रामाणिक और शोधपरक हो. इसमें शुल्ब सूत्र, आर्यभटीय, ब्रह्मस्फुटसिद्धांत, लीलावती और केरल स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों और व्यक्तित्वों का उल्लेख होगा. इसके साथ ही गणित के अनुप्रयोगों को खगोलशास्त्र, वास्तुकला, वाणिज्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में दर्शाया जाएगा.

विशेषज्ञों की भूमिका और विकास प्रक्रिया

इस परियोजना के लिए गणित के इतिहासकार, संस्कृत विद्वान, गणित शिक्षाविद और प्रख्यात अकादमिक विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति गठित की जाएगी. यह मोनोग्राफ किसी शैक्षणिक साझेदार संस्था या एजेंसी के माध्यम से तैयार किया जाएगा, जिसे पारदर्शी चयन प्रक्रिया द्वारा चुना जाएगा. इसे डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि देशभर के विद्यालय, छात्र और शिक्षक इसका लाभ उठा सकें.

सीबीएसई का यह प्रयास न केवल भारतीय गणितीय विरासत को सहेजने का कार्य करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को यह प्रेरणा भी देगा कि उनके देश की वैज्ञानिक और बौद्धिक जड़ें कितनी गहरी और समृद्ध हैं. ‘भारतीय गणित परंपरा’ मोनोग्राफ आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान, गौरव और प्रेरणा का महत्वपूर्ण स्रोत बनेगा.

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