Home राज्यHimachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही, मकान और दुकानों को काफी नुकसान, कई वाहन बहे

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही, मकान और दुकानों को काफी नुकसान, कई वाहन बहे

by Sanjay Kumar Srivastava
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devastation in himachal pradesh

Flood in Himachal: शिमला के जुब्बल उपमंडल में शैक्षणिक संस्थानों को बारिश और भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है. बाथाढ़ पहाड़ी पर बादल फटने की घटना हुई.

Flood in Himachal: हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से भारी तबाही हुई है.396 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं. कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई वाहन बह गए हैं. शिमला की कुछ पंचायतों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बुधवार रात से कंडाघाट में 100 मिमी, जट्टन बैराज में 87 मिमी, ऊना में 85.4 मिमी, सोलन में 81.4 मिमी, ओलिंडा में 76 मिमी, शिलारू में 73 मिमी, शिमला में 69 मिमी, कुफरी में 66 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 65.2 मिमी, कसौली में 62 मिमी, कोठी में 61.2 मिमी, मुर्राई देवी में 51.8 मिमी और धरमपुर में 50.2 मिमी बारिश हुई है. स्थानीय मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है.

बाथाढ़, नंती और श्रीखंड पहाड़ी पर फटा बादल

बुधवार रात कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल में श्रीखंड पहाड़ी और बंजार उपमंडल में तीर्थन घाटी के बाथाढ़ पहाड़ी पर बादल फटने की घटना हुई. इसके अलावा शिमला के रामपुर क्षेत्र में नंती में भी बादल फटने की घटना हुई. श्रीखंड पहाड़ी पर बादल फटने के कारण कुर्पन खड्ड में बाढ़ आ गई और प्रशासन ने बागीपुल बाजार को तुरंत खाली करा लिया. अधिकारियों ने बताया कि तीर्थन नदी के किनारे कुछ झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और कुछ वाहन बह गए. कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि प्रशासन की एक टीम को नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि कुछ झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं और वाहन बह गए हैं, लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. अधिकारियों के अनुसार, शिमला में गानवी, कियाओ, कूट, किन्फी, कुटरू, सुरु, रूपनी, खानिधार और खेउंचा की तीन ग्राम पंचायतों का सड़क संपर्क टूट गया है.

जुब्बल उपमंडल में शैक्षणिक संस्थान बंद

गानवी क्षेत्र में 26 लोगों के शेड, मकान और दुकानों को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं. अधिकारियों ने बताया कि एक पुलिस चौकी और बिजली विभाग का एक स्टोर भी क्षतिग्रस्त हो गया. कई स्थानों पर कारें मलबे में दब गईं. अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शिमला के जुब्बल उपमंडल में शैक्षणिक संस्थानों को बारिश और भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है.भूस्खलन और पेड़ों के उखड़ने के कारण इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) जाने वाली सड़क बंद कर दी गई. शिमला शहर के कुछ अन्य हिस्सों से भी पेड़ों के उखड़ने की खबरें आईं. लाहौल और स्पीति में, मयाड़ घाटी के करपट, चांगुत और उदगोस नाला अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हुए.

सेना ने किन्नौर में चार को बचाया

बुधवार शाम ऋषि डोगरी घाटी के ऊंचे इलाकों में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना ने किन्नौर जिले में एक घायल सहित चार लोगों को बचाया. राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज रोड) सहित कुल 396 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इनमें से 173 सड़कें मंडी ज़िले में और 71 कुल्लू में हैं. केंद्र ने बताया कि राज्य में 1,593 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 178 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि 20 जून, जब हिमाचल प्रदेश में मानसून आया था, से 13 अगस्त तक, राज्य को 2,031 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में 126 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लापता हैं.

ये भी पढ़ेंः Delhi-नोएडा में झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; डूबी सड़कें-परेशान लोग

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