Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं बल्कि राष्ट्रनायक, कवि और दूरदर्शी विचारक थे. उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी और तमाम नेताओं की श्रद्धांजलि यह दर्शाती है कि अटल जी का जीवन और योगदान आज भी भारत की दिशा तय करने में प्रेरणा देता है.
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की सातवीं पुण्यतिथि पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी का समर्पण और सेवा-भाव भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज भी प्रेरणा देता है. इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत कई दिग्गज नेताओं ने भी वाजपेयी के स्मारक ‘सदैव अटल’ पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.
आत्मनिर्भर भारत की राह में अटल जी का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद करता हूं. भारत की सर्वांगीण प्रगति के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव हमें एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रेरित करता है.” उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी का जीवन न केवल राजनीतिक नेतृत्व का उदाहरण है बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शन है.
सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
रक्षा मंत्री समेत अन्य नेताओं की श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अटल जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया. उन्होंने लिखा, “राष्ट्र उनकी महान सेवाओं को सदैव याद रखेगा.” इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, किरेन रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, जेडीयू सांसद संजय झा और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी ‘सदैव अटल’ स्मारक पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की.
I pay homage to Atalji on his punyatithi. He worked all his life with the resolve of building a strong and prosperous India. The nation will always remember his tremendous contribution.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2025
राजनीति और काव्य दोनों के शिखर पर थे अटल जी
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने काव्य और वक्तृत्व से राजनीति को मानवीय संवेदनाओं से जोड़ा. वह छह वर्षों (1998–2004) तक देश के प्रधानमंत्री रहे और आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाकर भारत को उच्च विकास दर की राह पर ले गए. वाजपेयी जी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चेहरा बने और वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण किया.
एक अमर विरासत, ‘सदैव अटल’
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का ऐसा नेता माना जाता है, जिसने न केवल संसद में बल्कि आम जनमानस के दिलों में भी जगह बनाई. उनका स्मारक ‘सदैव अटल’ आज उस विरासत का प्रतीक है, जो भारतीय लोकतंत्र, काव्य और राष्ट्रभक्ति को एक सूत्र में पिरोती है. उनकी पुण्यतिथि पर उमड़ी श्रद्धांजलि यह साबित करती है कि उनका योगदान और स्मृति सदैव जीवित रहेगी.
अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं बल्कि राष्ट्रनायक, कवि और दूरदर्शी विचारक थे. उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी और तमाम नेताओं की श्रद्धांजलि यह दर्शाती है कि अटल जी का जीवन और योगदान आज भी भारत की दिशा तय करने में प्रेरणा देता है. ‘सदैव अटल’ उनका स्मारक है, लेकिन उनकी सोच और विरासत भारतवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी.
यह भी पढ़ें: अकाल तख्त जत्थेदार ने की करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग! कहा, ‘विभाजन का दर्द…’
