Home Latest News & Updates ‘किसी भी समुदाय को ST में शामिल करने पर केंद्र फैसला करेगा…’ भारी विरोध के बीच CM सिद्धारमैया

‘किसी भी समुदाय को ST में शामिल करने पर केंद्र फैसला करेगा…’ भारी विरोध के बीच CM सिद्धारमैया

by Sachin Kumar
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Centre decide inclusion any community ST list Siddaramaiah

Karnataka News : सिद्धारमैया सरकार ने कुरुबा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का विचार किया है. इसको लेकर वह केंद्र सरकार को ज्ञापन भी देंगे. इसी बीच वाल्मीकि समुदाय ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

Karnataka News : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि किसी भी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाने का अंतिम फैसला केंद्र सरकार करती है, राज्य सरकार केवल सिफारिश भेजती है. कुरुबा को ST सूची में शामिल करने के प्रस्ताव का कुछ अनुसूचित समुदाय की तरफ से भारी विरोध किया गया. इस पर उन्होंने कहा कि किसी को भी विरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं है और यदि समुदाय योग्य है तो उसे शामिल किया जाएगा. कर्नाटक सरकार प्रेजेंट टाइम में कुरुबा समुदाय जिससे खुद सिद्धारमैया भी आते हैं उन्हें एसटी लिस्ट में शामिल करने पर विचार कर रही है. बता दें कि यह कदम पिछली सरकार ने भी उठाया था.

विरोध करने की जरूरत नहीं : सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर अंतिम फैसला करेगी और हम केवल सिफारिशें करेंगे. सिद्धारमैया ने कुरुबा को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के वाल्मीकी समुदाय की तरफ विरोध करने के एक सवाल का जवाब दिया. वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए CM सिद्धारमैया ने कहा कि किसी को विरोध करने की जरूरत नहीं है. अगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति में आना है तो उन्हें शामिल किया जाएगा. आपको बताते चलें कि कुरुबा वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आते हैं. लिंगायत और वोक्कालिगा के बाद उन्हें राज्य में एक प्रमुख ओबीसी समुदाय के रूप में देखा जाता है. साथ ही किसी भी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र को एक सिफारिश करनी होती है.

420 करोड़ रुपये की लागत से होगी जाति जनगणना

वहीं, सामाजिक एवं शैक्षणिक के संबंध में BJP नेताओं द्वारा उनकी सरकार की आलोचना का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक सिर्फ बातें करते हैं. हम यही कह रहे हैं कि सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति जानने के लिए सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण किया जा रहा है, ताकि उसके अनुसार विकास कार्यक्रमों की योजना बनाई जा सके. उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण, जिसे जाति जनगणना के नाम से जाना जाता है, 22 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच 420 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कराया जाएगा. BJP प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल से जाति जनगणना सूची के बारे में शिकायत करने पर, जिनमें कम से कम 46 जातियों की दोहरी पहचान है और उनमें ईसाई और हिंदू दोनों जाति के नाम शामिल हैं.

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