Rupee falls Against Dollar: टैरिफ विवाद, H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी और फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली से रुपये पर दवाब बढ़ा. इसका असर शेयर बाज़ार पर भी देखने को मिला.
24 September, 2025
Rupee falls Against Dollar: बुधवार की सुबह भारतीय रुपया विदेशी मुद्रा बाज़ार में एक बार फिर फिसलता नज़र आया. शुरुआती कारोबार में रुपया 7 पैसे टूटकर 88.80 के लेवल पर पहुंच गया, जो कि इसके अब तक के सबसे निचले क्लोज़िंग प्राइज 88.73 से भी कमजोर है. इन्वेस्टर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये गिरावट अमेरिकी टैरिफ, H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी और विदेशी फंड्स के लगातार बाहर जाने की वजह से और गहरी होती दिख रही है. पिछले दिन रुपया 45 पैसे टूटकर 88.73 के लेवल पर बंद हुआ था. इसने कारोबार के दौरान 88.82 का अब तक का सबसे लो लेवल टच कर लिया था. ऐसे में बुधवार की शुरुआती कमजोरी ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है.
एक्सपर्ट्स की राय
फिनरेक्स ट्रेज़री एडवाइज़र्स LLP के हेड ऑफ ट्रेज़री और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली ने कहा, H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी ने भारत और अमेरिका के बीच पहले से चल रहे मसलों को और गंभीर बना दिया है. RBI ने भी एक्सपोर्टर्स की स्थिति देखते हुए रुपया कमजोर होने दिया है. हम इस हफ्ते नया लो लेवल 89 तक देख सकते हैं, उसके बाद थोड़ी रिकवरी हो सकती है.
फॉरेन इन्वेस्टर्स
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक्सपर्ट्स की लगातार बिकवाली (मंगलवार को 3,551 करोड़ रुपये की निकासी) और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति की अनिश्चितता ने रुपये पर दबाव और बढ़ा दिया है. वहीं, डॉलर इंडेक्स 0.09% मज़बूत होकर 97.35 पर कारोबार कर रहा है, जिससे ग्रीनबैक (डॉलर) की ताकत और बढ़ गई है.
शेयर मार्केट और क्रूड ऑयल
कमज़ोर रुपये का असर इंडियन शेयर मार्केट पर साफ दिखा. बुधवार सुबह सेंसेक्स 380 अंक गिरकर 81,721 पर और निफ्टी 106 अंक फिसलकर 25,063 पर खुला. कच्चे तेल के मामले में भी राहत नहीं मिली है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.24% की तेजी के साथ 67.79 डॉलर प्रति बैरल पर बिजनेस कर रहा है. ये माहौल आम लोगों के लिए भी चिंता का सबब है. कमज़ोर रुपया इमपोर्टेट सामान और फॉरेन स्टेडी टूर को महंगा कर सकता है, जबकि एक्सपोर्टर्स के लिए थोड़ी राहत हो सकती है. फिलहाल रुपया डॉलर के दबाव से जूझ रहा है. वहीं, निवेशकों की नजरें इस हफ्ते पर टिकी हैं कि क्या 89 का लेवल देखने को मिलेगा या नहीं.
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