Bareilly violence: तौकीर रजा ने ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. शुक्रवार को नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई.
Bareilly violence: पुलिस ने बरेली हिंसा के मुख्य आरोपी स्थानीय मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख तौकीर रजा खान को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. तौकीर रजा ने ‘आई लव मुहम्मद’अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. शुक्रवार को नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. बरेली में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद पुलिस ने शनिवार को मौलाना तौकीर रजा खां समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अलग-अलग थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए हैं. एक मुकदमे में मौलाना तौकीर को भी आरोपी बनाया गया है. वहीं जिले में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि तौकीर रज़ा को हिरासत में ले लिया गया है. स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है.
सुनियोजित साजिश थी हिंसाः डीएम
रजा ने दावा किया कि जब वह शुक्रवार की नमाज़ के लिए निकलने वाले थे, तभी डीएम और एसएसपी उनके घर पहुंचे. पुलिस बल बुलाया और उन्हें नज़रबंद कर दिया. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि धार्मिक भावनाओं को दबाने की कोशिशें उल्टी पड़ेंगी. उन्होंने दावा किया कि अगर मैं शुक्रवार की नमाज़ के लिए गया होता, तो ऐसा कुछ नहीं होता. मुसलमानों पर जानबूझकर लाठियां चलाई गईं. उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जैसे गैंगस्टर अतीक अहमद को गोली मारी गई, मुझे भी गोली मार दो. सरकार 140 करोड़ लोगों के लिए ज़िम्मेदार है. एक समूह के प्रति असहिष्णुता अस्वीकार्य है. उन्होंने दावा किया कि इस बार हिंदू-मुस्लिम विवाद नहीं हुआ. पुलिस ने मुसलमानों पर अत्याचार किए. खान का बयान डीएम सिंह और डीआईजी अजय कुमार साहनी के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंसा एक सुनियोजित साजिश का नतीजा है. उन्होंने इसे राज्य में बीएनएसएस की धारा 163 लागू होने के बावजूद शांति भंग करने का प्रयास बताया था, जो अनधिकृत सभाओं पर रोक लगाती है.
शहर में शांति भंग की कोशिश
डीएम सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले एक संगठन ने शुक्रवार को मार्च निकालने और विरोध प्रदर्शन के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव रखा था. हमने उन्हें सूचित किया कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम के लिए लिखित अनुमति की आवश्यकता होगी, क्योंकि बीएनएसएस की धारा 163 (उपद्रव या आशंका वाले खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) पूरे जिले में प्रभावी है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ लोग शुक्रवार की नमाज के बाद सड़कों पर उतर आए और शांति भंग करने की कोशिश की. यह विवाद 9 सितंबर का है, जब कानपुर में पुलिस ने 4 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान कथित तौर पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखे बोर्ड लगाने के लिए 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. कुछ हिंदू समूहों ने इस पर आपत्ति जताई और इसे “परंपरा से विचलन” और “जानबूझकर उकसाने वाला” बताया. यह विवाद जल्द ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों और उत्तराखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में फैल गया, जिससे विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई शुरू हो गई.
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