Home Latest News & Updates फिल्म पायरेसी रैकेट का भंडाफोड़ः सिनेमाघरों से पहले ही लीक हो जाती थीं फिल्में, मास्टरमाइंड सहित 5 गिरफ्तार

फिल्म पायरेसी रैकेट का भंडाफोड़ः सिनेमाघरों से पहले ही लीक हो जाती थीं फिल्में, मास्टरमाइंड सहित 5 गिरफ्तार

by Sanjay Kumar Srivastava
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Hyderabad News: आरोपी ने बिहार और झारखंड की कई सरकारी वेबसाइटों के साथ-साथ डिजिटल मीडिया कंपनियों के मुख्य सर्वरों को भी हैक किया.

Hyderabad News: हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने तेलुगू फिल्मों की पायरेसी में शामिल एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी अश्विनी कुमार (21) पटना का निवासी है, जिसे सिनेमाघरों में रिलीज़ से पहले ही एचडी फिल्मों के लीक के पीछे का मास्टरमाइंड बताया गया है. पुलिस के अनुसार, कुमार ने बिहार और झारखंड की कई सरकारी वेबसाइटों के साथ-साथ डिजिटल मीडिया कंपनियों के मुख्य सर्वरों को भी हैक किया और वहां से एचडी फिल्मों की प्रतियां चुराईं. इन फिल्मों को वह टेलीग्राम चैनलों, सट्टेबाजी तथा गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर साझा करता था. ये गिरफ्तारियां ‘हिट: द थर्ड केस’, ‘सिंगल’, ‘कुबेर’ और ‘हरि हर वीरा मल्लू’ जैसी फिल्मों की पायरेसी की जांच के दौरान की गईं. यह कार्रवाई तेलुगु फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (TFCC) की शिकायत पर शुरू की गई थी, जो 5 जून को दर्ज की गई थी.

पुलिस कर रही जांच

पुलिस ने प्रमुख पायरेसी वेबसाइटों पर अपलोड की गई एचडी प्रतियों का पता लगाया, जिनमें से कुछ नेटवर्क बंद होने से पहले भी उपलब्ध थीं. जांच अब भी जारी है. पुलिस ने बताया कि भारत में पायरेसी मुख्य रूप से दो तरीकों से संचालित होती है – डिजिटल सेवा प्रदाताओं से एचडी प्रतियों का लीक होना और ‘कैम रिलीज’ हैंडहेल्ड कैमरा, स्मार्टफोन या छिपे हुए उपकरणों का उपयोग करके सिनेमाघरों में पहले दिन की रिकॉर्डिंग. बिहार, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के आरोपियों को इस वर्ष जून और अगस्त के बीच गिरफ्तार किया गया था. तमिलनाडु के करूर के एक क्रिप्टो व्यापारी सिरिल इन्फैंट राज अमलादोस (32) की पहचान मुख्य आरोपी के रूप में की गई, जिसने रैकेट का संचालन किया और आरोपी सदस्यों के बीच गतिविधियों का समन्वय किया. अमलादोस ने कथित तौर पर पायरेटेड फिल्मों को संग्रहीत करने और पायरेसी वेबसाइटों व टेलीग्राम चैनलों को चलाने के लिए विदेश में समर्पित वर्चुअल मशीन सर्वर खरीदे.

तेलुगु फिल्म उद्योग को 3,700 करोड़ का नुकसान

आरोपी ने गोपनीयता और गुमनामी सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हुए भुगतान और सामग्री अपलोड का समन्वय भी किया. पुलिस ने कहा कि कुमार टेलीग्राम पर पायरेसी समूहों में शामिल हो गया और 800 अमेरिकी डॉलर प्रति कॉपी पर पायरेटेड एचडी फिल्में पेश कीं, जिसके लिए उसे क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान प्राप्त हुआ. अमलादोस ने कथित तौर पर सिनेमाघरों में फिल्मों की कैमकॉर्डिंग करने और पायरेटेड सामग्री को ऑनलाइन अपलोड करने के लिए दूसरों की भर्ती की. पुलिस ने कहा कि उसने 2020 से क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 2 करोड़ रुपये कमाए. लगभग 500 पायरेटेड फिल्में अपलोड कीं और ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापनों की अनुमति देकर प्रति माह 10,000 अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए. पुलिस ने कहा कि 2023 में भारतीय मनोरंजन उद्योग को पायरेसी के कारण 22,400 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ, जिसमें अकेले तेलुगु फिल्म उद्योग को 3,700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

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