Russian JF-17 Engines to Pak : पाकिस्तान को जेएफ-17 इंजन थंडर ब्लॉक III फाइटर जेट के लिए रूस की तरफ से RD-93MA इंजन मिलने के दावों के बीच कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं.
Russian JF-17 Engines to Pak : रूस की तरफ से पाकिस्तान को जेएफ-17 इंजन थंडर ब्लॉक III फाइटर जेट के लिए RD-93MA के दावों ने भारतीय राजनीति में भूचाल मचा दिया है. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार को जेएफ-17 इंजन देने वाली बात को लापरवाह सूचना युद्ध करार दिया और सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. BJP ने कांग्रेस पर भारत के बजाय दुश्मन का पक्ष चुनने का आरोप लगाया. बता दें कि मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने शनिवार को सरकार से पूछा था कि भारत कभी सबसे विश्वसनीय रणनीतिक सहयोगी रूस, चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के इंजन आपूर्ति करके पाकिस्तान को सैन्य सहायता क्यों प्रदान कर रहा है.
मोदी की व्यक्तिगत कूटनीतिक विफलता : कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की व्यक्तिगत कूटनीति की विफलता भी बताया था. इस पर पलटवार करते हुए BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने एक अन्य मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि रूस उन दावों को खारिज कर दिया है कि मास्को पाकिस्तान को जेएफ-17 थंडर ब्लॉक III लड़ाकू विमानों में एकीकरण के लिए आरडी-93 एमए इंजन की आपूर्ति कर रहा है. उन्होंने कहा कि जयराम रमेश ने एक समाचार पत्र की खबर पर भरोसा किया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थक दुष्प्रचार के लिए कुख्यात एक वेबसाइट का हवाला दिया गया था.
नहीं हुई को ऑफिशियल पुष्टि : BJP
अमित मालवीय ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि जयराम रमेश से संबंधित कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और कोई विश्वसनीय सोर्स भी नहीं है. यह बेपरवाह सूचना युद्ध का एक दौर है और कांग्रेस के संचार ने एक बार फिर भारत के साथ खड़े होने के बजाय दुश्मन का साथ देने का फैसला किया है. उन्होंने आगे कहा कि रूस की तरफ से अभी तक किसी भी ऑफिशियल चैनल ने पाकिस्तान को इंजन सप्लाई की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, अब इस नई बहस ने भारत और रूस के संबंधों को लेकर अलग मोड़ दे दिया है. मालवीय ने कांग्रेस पर भारत के बजाय दुश्मन देश के साथ खड़े होने का आरोप लगाया और इस तरह की खबरों बार बार फैलाना सूचना युद्ध का हिस्सा माना जाता है.
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